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    ईरान पर इजरायल की ताबड़तोड़ बमबारी, कई अहम सैन्य ठिकानों पर बोला हमला; अंधेरे में डूबे कई ईरानी शहर

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 10:46 PM (IST)

    रॉयटर्स के अनुसार, इज़रायल ने ईरान के हवाई अड्डों, सैन्य ठिकानों, एविन जेल और परमाणु संयंत्रों पर हमला किया, जिससे कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी ...और पढ़ें

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    इजरायल ने ईरान पर फिर दागीं मिसाइलें। (फाइल फोटो)

    रॉयटर्स, तेहरान। ईरान पर हमले के 11 वें दिन इजरायल ने सोमवार को ईरान के हवाई अड्डों, सैन्य ठिकानों, तेहरान की बदनाम एविन जेल और घरेलू मामलों पर कार्रवाई करने वाली रिवोल्यूशनरी गार्ड की शाखा के मुख्यालय को निशाना बनाया। साथ ही फोर्डो और नातांज के परमाणु संयंत्रों पर भी बमबारी की।

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    इन्हीं दोनों परमाणु संयंत्रों पर रविवार को अमेरिका ने 14 विनाशकारी बंकर बस्टर बम गिराए थे। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के प्रमुख रफाएल ग्रोसी ने दोनों ही परमाणु संयंत्रों को भारी नुकसान होने की आशंका जाहिर की है।

    ईरान पर हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

    ईरान पर अमेरिका के हमले और ईरान के स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद करने के संकेत के बाद सोमवार को कच्चे तेल के मूल्य उछलकर 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। तेहरान की जिस एविन जेल के मुख्य द्वार पर इजरायल ने हवाई हमला कर उसे नुकसान पहुंचाया है वह सरकार विरोधी आंदोलनकारियों को कैद कर उनके उत्पीड़न के लिए बदनाम है। इसमें 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान गिरफ्तार किए तमाम लोगों को दशकों तक रखा गया।

    रिवोल्यूशनरी गार्ड कमांड सेंटर को इजरायल ने बनाया निशाना

    इजरायली विमानों ने रिवोल्यूशनरी गार्ड कमांड सेंटर को भी निशाना बनाया। यह सेंटर ईरान की आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बल का प्रमुख ठिकाना है। इजरायल ने तेहरान के एक बिजलीघर को भी निशाना बनाया है, जिसकी वजह से ईरानी राजधानी के कई इलाकों की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है।

    फोर्डो को कोम से जोड़ने वाली मुख्य सड़क और कुछ अन्य मार्गों को इजरायल ने हमले में नष्ट कर दिया है। ईरान पर ये हमले 50 से ज्यादा इजरायली लड़ाकू विमानों ने अंजाम दिए। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा है कि सेना अब ईरान की उस सरकारी मशीनरी को निशाना बना रही है जो इजरायल विरोधी गतिविधियों और आमजनों के खिलाफ कार्य करती है। इजरायल पर ईरान के हमले भी जारी हैं।

    रविवार को अमेरिका के हमले के बाद से ईरान के निशाने पर इजरायल की राजधानी तेल अवीव, हाइफा और अन्य प्रमुख शहर हैं। पता चला है कि ईरान की छोड़ी ज्यादातर मिसाइलों को इजरायल के डिफेंस सिस्टम ने आकाश में ही नष्ट कर दिया। ईरान के ताजा हमलों से इजरायल में जान-माल के बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।

    ट्रंप ने कहा, मेक ईरान ग्रेट अगेन

    इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में सत्ता परिवर्तन का आह्वान किया है। उन्होंने ईरान को फिर से महान बनाने (मेक ईरान ग्रेट अगेन) के लिए खड़े होने की बात कही है। ट्रंप का यह आह्वान उनके ही उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के उस बयान के उलट है जिसमें उन्होंने रविवार को कहा था कि ईरान की सत्ता के परिवर्तन में अमेरिका की कोई रुचि नहीं है।

    ईरान ने कहा, अमेरिका पर करेंगे जवाबी हमला

    ईरानी सेनाओं के प्रमुख जनरल अब्दुल्ला रहीम मुसावी ने कहा है कि अमेरिका के हमले ने हमें जवाब देने के लिए जायज मौका दे दिया है। हम अमेरिकी हित वाले ठिकानों और उसकी सेना पर कभी भी हमला कर सकते हैं। विदित हो कि ईरान से कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर अमेरिका के आठ सैन्य अड्डे हैं। इन अड्डों को ईरान की कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें कभी भी निशाना बना सकती हैं। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने भी जल्द ईरानी हमले की आशंका जताई है।

    ईरानी नेता खामेनेई ने पुतिन से मांगी मदद

    ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका-ईरान के हमले के मुश्किल समय में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मदद मांगी है। विदेश मंत्री अब्बास अरागची के हाथ भेजे पत्र में खामेनेई ने पुतिन से कुछ ज्यादा करने का अनुरोध किया है। अमेरिका के हमले के बाद ईरान अब युद्ध में रूस की सीधी मदद चाहता है। लेकिन यूक्रेन युद्ध में फंसे रूस के लिए ऐसा कर पाना शायद मुश्किल होगा।

    अरागची ने सोमवार को मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की और ईरान की स्थिति के बारे में बताया है। पुतिन ने ईरान पर हो रहे हमलों को पूरी तरह से अकारण बताया है। कहा, इन हमलों का कोई आधार और वैध कारण नहीं है। पुतिन ने अरागची को आश्वस्त किया कि रूस ईरान के साथ खड़ा है और क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

    पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बात की है। इससे पहले रूस का विदेश मंत्रालय ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भी रूस अपना यही रुख प्रदर्शित किया है।

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