इजरायल का गाजा से फलस्तीनियों को निकालने का प्लान तैयार, जमीन के साथ समुद्र, वायु मार्ग से लोगों को निकाला जाएगा
इजरायल ने कहा कि उसने क्षेत्र के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के अनुरूप गाजा पट्टी से बड़ी संख्या में फलस्तीनियों के प्रस्थान की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच अधिकारियों ने कहा कि मिस्र ने योजना को सफल बनाने के लिए पर्दे के पीछे से एक कूटनीतिक हमला शुरू कर दिया है। जमीन के साथ ही समुद्र वायु मार्ग से बाहर निकलने की व्यवस्था की जाएगी

एपी, काहिरा। इजरायल ने गाजा पट्टी से बड़ी संख्या में फलस्तीनियों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि उन्होंने सेना को आदेश दिया है कि वह गाजा से बड़ी संख्या में फलस्तीनियों के स्थल मार्ग से पलायन को सुगम बनाने के साथ ही समुद्र और वायु मार्ग से बाहर निकलने के लिए विशेष व्यवस्था करे।
हालांकि, जमीन पर ऐसी तैयारियों के तत्काल कोई संकेत नहीं हैं। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि मिस्त्र ने योजना को रोकने के लिए पर्दे के पीछे कूटनीतिक अभियान शुरू कर दिया है।
ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा
दरअसल, ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा, खतरनाक हथियारों को नष्ट करेगा, नष्ट हुई इमारतों से छुटकारा दिलाएगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए काम करेगा।ट्रंप के प्रस्ताव को फलस्तीनियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश लोगों ने अस्वीकार कर दिया। उन्हें डर सता रहा है कि इजरायल इन शरणार्थियों को वापस नहीं आने देगा। इससे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होगी।
मिस्त्र ने चेतावनी दी
मिस्त्र ने चेतावनी दी है कि इस तरह की योजना इजरायल के साथ उसकी शांति संधि को कमजोर कर सकती है। अमेरिका के एक अन्य प्रमुख सहयोगी सऊदी अरब ने भी फलस्तीनियों के किसी भी बड़े स्थानांतरण को अस्वीकार कर दिया है। उसने कहा है कि वह गाजा को शामिल करते हुए फलस्तीनी देश के निर्माण के बिना इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं करेगा।
फलस्तीनियों ने भी कहा कि वे वहां से जाना नहीं चाहते। न्यूयार्क स्थित ह्यूमन राइट्स वाच और अन्य समूहों का कहना है कि अगर ट्रंप का प्रस्ताव लागू किया गया तो यह जातीय सफाया जैसा होगा। वहीं, इजरायली नेताओं ने ट्रंप के प्रस्ताव का स्वागत किया है और युद्धग्रस्त क्षेत्र से फलस्तीनियों के संभावित सामूहिक पलायन को स्वैच्छिक बताया है।
पर्दे के पीछे मिस्त्र कर रहा विरोध
मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने ट्रंप के प्रस्ताव पर सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, मिस्त्र के अधिकारियों ने कहा कि काहिरा ने ट्रंप प्रशासन और इजरायल को स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगा। साथ ही ऐसा करने पर इजरायल के साथ शांति समझौता खतरे में पड़ जाएगा।
यह संदेश पेंटागन, विदेश विभाग और अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों, इजरायल, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित पश्चिमी यूरोपीय सहयोगियों को भेज दिया गया है। काहिरा में एक पश्चिमी राजनयिक ने भी बताया कि उन्हें मिस्त्र से कई चैनलों के जरिए संदेश मिला है।
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