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    Iran Hijab Protest: हिजाब की अनिवार्यता के खिलाफ ईरान के 80 शहरों में पहुंची आंदोलन की आंच

    By AgencyEdited By: Monika Minal
    Updated: Sat, 24 Sep 2022 04:34 PM (IST)

    ईरान में हिजाब पहनने के सख्त कानून का उल्लंघन करने वाली 22 वर्षीय महसा अमिनी को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद से ही वहां सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

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    ईरानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज, हिजाब न पहनने पर गिरफ्तार युवती की मौत के बाद हुआ बवाल

    तेहरान, एजेंसी।  ईरान में हिजाब पहनने समेत अन्य प्रतिबंधों के खिलाफ भड़के आंदोलन की आंच 31 प्रांतों के 80 शहरों में पहुंच गई है। हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इस बीच, राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने देश की शांति व सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वालों के खिलाफ दृढ़ कार्रवाई का आदेश दिया है। विरोध प्रदर्शनों के बढ़ने के साथ ईरानी अधिकारियों ने शनिवार को इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। देश के ज्यादातर हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं काम नहीं कर रही हैं।

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    सरकार विरोधी नारे 

    सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प में मरने वालों का आंकड़ा 26 हो गया। यह जानकारी ईरानी टीवी ने दी। पिछले दिनों युवती की मौत को लेकर प्रदर्शन कर रहीं कुछ महिलाओं ने अपने हेडस्कार्फ उतारकर सड़क पर आग लगा दी। वहीं पुरुषों ने सुप्रीम नेता के पोस्टर जलाए। ईरानी कानून के तहत सभी महिलाओं का सिर हिजाब से ढका होना चाहिए और सार्वजनिक जगहों पर ढीले वस्त्र पहनना जरूरी है। यह कानून 1979 से लागू है और इसका पालन देश की हर महिला को करना है। अमीनी की मौत 16सितंबर को अस्पताल में हो गई वह तीन दिन तक कोमा में रही। तेहरान में वह अपने भाई के साथ थी जब उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। डिटेंशन सेंटर में बेहोश होने के तुरंत बाद वह कोमा में चली गई थी।

    मरने से पहले तीन दिन तक कोमा में थी युवती

    ऐसे रिपोर्ट हैं कि पुलिस ने अमिनी के सिर पर वार किया था। यह जानकारी UN के मानवाधिकार आयुक्त नदा अल-नशीफ ने दी। अमिनी की मौत के एक दिन बाद कुर्दिस्तान में सभी दुकानें बंद कर दी गईं।   प्रदर्शनकारियों में छात्रों के शामिल होने को लेकर देश की प्रमुख तीन यूनिवर्सिटी तेहरान, खाजे नसीर और शाहिद बेहेष्ती ने अगले सप्ताह के लिए आनलाइन क्लास लेने का फैसला लिया है। इससे पहले ईरान में बड़ा प्रदर्शन 2019 में ‘Bloody November' हुआ था जो ईंधन की कीमतों में इजाफे के खिलाफ था। 

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