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    इजरायल में नेतन्याहू सरकार पर मंडराया संकट, संसद में इजरायली प्रधानमंत्री के पास अल्पमत की स्थिति बनी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 17 Jul 2025 06:56 AM (IST)

    इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार की एक और प्रमुख सहयोगी शास पार्टी ने भी बुधवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सरकार से समर्थन वापस लेने के परिणामस्वरूप संसद में नेतन्याहू के पास अल्पमत की स्थिति आ गई है। शास पार्टी ने कहा कि वह सैन्य भर्ती से संबंधित एक प्रस्तावित कानून को लेकर मतभेदों के कारण इस्तीफा दे रही है।

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    इजरायल में नेतन्याहू सरकार पर मंडराया संकट (फोटो- रॉयटर)

     एपी, तेल अवीव। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार की एक और प्रमुख सहयोगी शास पार्टी ने भी बुधवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सरकार से समर्थन वापस लेने के परिणामस्वरूप संसद में नेतन्याहू के पास अल्पमत की स्थिति आ गई है।

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    मतभेदों के कारण इस्तीफा

    शास पार्टी ने कहा कि वह सैन्य भर्ती से संबंधित एक प्रस्तावित कानून को लेकर मतभेदों के कारण इस्तीफा दे रही है। गौरतलब है कि इसी मुद्दे पर इसी हफ्ते की शुरुआत में एक दूसरी अति-रूढ़िवादी पार्टी ने भी सरकार छोड़ दी थी।

    अल्पमत सरकार चलाना नेतन्याहू के लिए अब और चुनौतीपूर्ण

    अल्पमत सरकार का नेतृत्व करके शासन चलाना नेतन्याहू के लिए अब और चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। हालांकि, शास ने कहा है कि गठबंधन से बाहर होने के बाद वह उसे (नेतन्याहू सरकार को) कमजोर नहीं करेगी और कुछ कानूनों पर उसके साथ मतदान कर सकती है। वह इसके पतन का समर्थन भी नहीं करेगी।

    इजरायल के लिए यह काफी कठिन समय

    पार्टी ने यह स्पष्ट किया है कि अगर सैन्य भर्ती से जुड़ा विवाद सुलझ जाता है, तो सरकार के साथ वापस लौटने का रास्ता खुला हुआ है। देश में यह राजनीतिक उथल-पुथल ऐसे समय में हो रही है जब इजरायल और हमास गाजा के लिए अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव पर बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, नेतन्याहू की सरकार में बदलाव से वार्ता पटरी से नहीं उतरेगी।

    हमास से युद्ध जारी

    माना जा रहा है कि इजरायली प्रधानमंत्री अपने दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों की मांगों के प्रति अब अधिक संवेदनशील होंगे। ये सहयोगी पार्टियां हमास से 21 महीनों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने का विरोध कर रही हैं क्योंकि इतने हमलों के बावजूद इस आतंकवादी संगठन का पूरी तरह से सफाया नहीं हो पाया है।

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