Hamas के खिलाफ सड़कों पर उतरे गाजावासी, गुस्साई भीड़ ने कहा- न युद्ध चाहिए, न हमास
Anti Hamas Protest In Gaza गाजा में हमास के खिलाफ हजारों फलिस्तीनी खड़े हो चुके हैं। हजारों गाजावासियों ने एक सुर में कहा कि न हमें युद्ध चाहिए और न ही हमास। हमें शांति से जीना है। सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था जिसमें 1200 से ज्यादा इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी।

गाजा पट्टी, एपी। गाजा में हजारों फिलिस्तीनियों ने हमास (Hamas) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फिलिस्तीनियों ने गाजा (Gaza) से हमास को खदेड़ना का मन बना लिया है। युद्ध से त्रस्त गाना वासियों ने हमास के विरोध में रैली निकाली। वहीं, लोगों ने हमास को गाजा छोड़ने का अल्टीमेटम भी दे दिया।
हमास के खिलाफ हुंकार भरने वाले हजारों गाजा वासियों ने एक सुर में कहा, 'न हमें युद्ध चाहिए और न ही हमास।' हमें शांति से जीना है। सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की।
सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि हमास को लोग कह रहे हैं, बाहर निकलो, हमास बाहर निकलो। हम जीना चाहते हैं।
Here’s another video from today’s anti-Hamas, anti-war protest in Gaza. People flooded the streets — the number of protesters was in the thousands. The message is loud and clear: they’ve had enough, down with Hamas. pic.twitter.com/weRwYiXEws
— Ihab Hassan (@IhabHassane) March 26, 2025
इजरायल-हमास युद्ध पर लगा संघर्ष विराम
बताते चलें कि इजरायल हमास के बीच 467 दिनों तक युद्ध चला 19 जनवरी 2025 को सीजफायर लागू हुआ। इस सीजफायर डील को लेकर इजरायल और हमास के बीच कई दौर की बातचीत कतर की राजधानी दोहा में हुई। बातचीत की मध्यस्थता अमेरिका, मिस्त्र और कतर ने कराई।
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1200 से ज्यादा इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी। वहीं, कई लोगों को हमास ने बंधक बना लिया था। हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा में जंग छेड़ दी। इस युद्द में पचास हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
क्या है हमास?
हमास एक आतंकी संगठन है, जिसकी स्थापाना 1987 में फलस्तीन शरणार्थी शेख अहमद यासीन ने की थी। हमास का उद्देश्य है फलस्तीन की आजादी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 1997 में हमास को आतंकी समूह करार दिया है। यूरोपीय संघ और कई पश्चिमी देशों ने भी हमास को एक आतंकी संगठन माना है। वहीं, हमास को कतर और तुर्की देशों का समर्थन है। ईरान भी हमास का खुलकर समर्थन करता है।
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