कितने देशों ने फलस्तीन को दिया देश का दर्जा? अमेरिका शामिल या नहीं; आसान भाषा में समझें इसका जियोपॉलिटिकल असर
इजरायल-गाजा संघर्ष के बीच ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया कनाडा और पुर्तगाल ने फलस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है जिसका इजरायल ने विरोध किया है। संयुक्त राष्ट्र के लगभग तीन चौथाई सदस्य देशों ने फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा दिया है अल्जीरिया पहला देश था। 45 देश अभी भी फलस्तीन को राष्ट्र नहीं मानते हैं। मान्यता प्रतीकात्मक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल गाजा में हमास को पूरी तरीके से साफ करने में लगा है। गाजा में लगभग दो साल के युद्ध के बाद रविवार को ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और पुर्तगाल ने फलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी। हालांकि, इजरायल ने इस फैसले का विरोध किया है।
केवल इन राष्ट्रों ने ही नहीं, फ्रांस, बेल्जियम और अन्य देश भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसी तरह की मान्यता देने के लिए तैयार हैं। आइए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि कौन से वे देश हैं जो, फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देते हैं और अभी तक कितने देशों ने नहीं दिया है। इसके मायने क्या हैं…
कौन से देश फलस्तीन को दे चुके हैं राष्ट्र का दर्जा?
अभी तक संयुक्त राष्ट्र के तीन चौथाई देशों ने फलस्तीन को राष्ट्र के रूप में सदस्यता दे दी है। एएफपी के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से कम से कम 145 देशों ने अभी तक फलस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है। इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ब्रिटेन और कनाडा ऐसा करने वाले पहले जी-7 देश हैं।
ध्यान देने योग्य है कि फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमबर्ग और माल्टा जैसे कई ऐसे यूएन के सदस्य हैं जो न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में फ़्रांस और सऊदी अरब की अध्यक्षता में द्वि-राज्य समाधान के भविष्य पर आयोजित एक शिखर सम्मेलन के दौरान फलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने का एलान करने की बात कह सकते हैं।
फलस्तीन को किसने दी सबसे पहले राष्ट्र की मान्यता?
गौरतलब है कि 15 नवंबर, 1988 को फलस्तीनी मुक्ति संगठन (पीएलओ) के नेता यासर अराफात द्वारा एकतरफा स्वतंत्र फलस्तीनी राज्य की घोषणा के कुछ ही मिनटों बाद, अल्जीरिया आधिकारिक तौर पर फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाला पहला देश बना था। इसके बाद कई देशों ने फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा दिया। 2010 के अंत और 2011 की शुरुआत में मान्यता की एक और लहर आई जिसमें कई देशों ने फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा दिया।
ये देश नहीं देते हैं फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा
बता दें कि कम से कम 45 देश हैं, जो फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने की वकालत नहीं करते हैं। इसमें इजरायल, अमेरिका और उनके सहयोगी देश शामिल हैं। वहीं, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार फलस्तीन राज्य के विचार को पूरी तरह से खारिज करती है। इसके अलावा जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर उन देशों में शामिल हैं जो फलस्तीन को मान्यता नहीं देते हैं।
राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का अर्थ क्या है?
- समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, दक्षिणी फ्रांस के ऐक्स-मार्सिले विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर रोमेन ले बोउफ ने फलस्तीनी राज्य की मान्यता को अंतर्राष्ट्रीय कानून में सबसे जटिल प्रश्नों में से एक करार दिया।
- उनका कहना है कि राज्य मान्यता का समय और रूप चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें स्पष्ट या अंतर्निहित बहुत सारे अंतर हो सकते हैं।
- हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि मान्यता का अर्थ यह नहीं है कि एक राज्य का निर्माण हो गया है, ठीक उसी तरह जैसे मान्यता का अभाव उस राज्य के अस्तित्व को नहीं रोकता।
- जानकार बताते हैं कि मान्यता काफी हद तक प्रतीकात्मक और राजनीतिक महत्व रखती हैं। फिर भी तीन चौथाई देशों का कहना है कि फलिस्तीन एक राज्य होने के लिए सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करता है। (अलग-अलग समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)
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