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    बांग्लादेश व पाकिस्तान की नई चाल, सार्क को जिंदा करने में जुटे युनूस और शरीफ; भारत ने क्यों नहीं दिखाई रुचि?

    2016 में पठानकोट और ऊरी हमले के बाद से सार्क ठंडे बस्ते पर चला गया है। तब से कोई बैठक भी नहीं हुई। भारत भी अब सार्क को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। इस बीच बांग्लादेश और पाकिस्तान ने सार्क को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश जारी कर दी है। भारत ने सार्क की बजाय बिम्सटेक को अधिक प्रोत्साहित करने में जुटा है।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 20 Dec 2024 09:24 PM (IST)
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    पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया (मुख्य सलाहकार) प्रोफेसर मोहम्मद युनूस की तरफ से दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को ठंडे बस्ते से निकालने की कोशिश पर भारत ने बेहद ठंडी प्रतिक्रिया जताई है।

    युनूस एक दिन पहले मिस्र में पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ से मुलाकात की और इसमें कई द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही सार्क बैठक को फिर से शुरू करने पर बात हुई है। इसके पहले भी प्रो. युनूस ने इस बारे में पाकिस्तान पीएम से बात कर चुके हैं।

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    हवा देने में जुटा बांग्लादेश

    सार्क संगठन की शिखर बैठक वर्ष 2016 में होने वाली थी लेकिन भारत समेत इसके अन्य सभी देशों ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ इसका विरोध किया और बैठक नहीं हो सकी। उसके बाद सार्क की बात भी कोई देश नहीं कर रहा था लेकिन पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इसको हवा देने में जुटी है।

    सार्क क्यों ठंडे बस्ते में पड़ा, सब जानते हैं: भारत

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल से पूछा गया तो उनका जवाब था कि, “जहां तक क्षेत्रीय सहयोग की बात है तो भारत इसके लिए लगातार कोशिश करता रहा है। इसके लिए हम कई प्लेटफॉर्म के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं। इसमें बिम्सटेक (भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार और थाइलैंड का संगठन) है जिसमें कई हमारे पड़ोसी देश जुड़े हुए हैं। सार्क भी ऐसा ही एक संगठन है लेकिन यह लंबे समय से ठंडा पड़ा हुआ है और क्यों ठंडा पड़ा हुआ है, इसके बारे में सब जानते हैं।''

    इस वजह से टली थी सार्क की बैठक

    जायसवाल ने इस बारे में खुलकर नहीं कहा कि सार्क की गतिविधियां क्यों नहीं हो रही लेकिन यह बात सर्वविदित है कि वर्ष 2016 में पठानकोट और ऊरी आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की भूमिका सामने आने के बाद भारत ने सार्क को लेकर अरुचि दिखानी शुरू कर दी थी। उस साल नवंबर-दिसंबर में इस्लामाबाद में सार्क शिखर की तैयारियों में पाकिस्तान जुटा था। बैठक से ठीक पहले भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और श्रीलंका ने इसका बहिष्कार कर दिया था।

    बिम्सटेक को प्रोत्साहित कर रहा भारत

    सार्क की जगह भारत ने बिम्सटेक को प्रोत्साहित करना शुरू किया। शुक्रवार को भी इस संगठन के सदस्य देशों के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक हुई है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस बैठक में सहयोग के कई प्राथमिकता वाले मुद्दों जैसे कनेक्टिविटी, सुरक्षा, लोगों के बीच आदान-प्रदान से जुड़े विषयों पर बात हुई है। जल्द ही बिम्सटेक का शिखर सम्मेलन भी होने वाला है। इस बैठक में आगामी शिखर सम्मेलन की तैयारियों का भी जायजा लिया गया है।

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