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    DeepSeek ओपनएआई और NVIDIA के लिए कैसे बना चुनौती, बिजली-चिप इंडस्ट्री के दिग्‍गज क्‍यों डर रहे?

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 05:01 PM (IST)

    Chinas DeepSeek AI डीपसीक का R1 मॉडल ओपनएआई के चैटजीपीटी और अन्य एआई कंपनियों को चुनौती दे रहा है। यह मॉडल सस्ता किफायती और दक्षता में उत्कृष्ट बताया जा रहा है। डीपसीक क्‍या है इसकी क्‍या खासियत है? डीपसीक के वजह क्‍यों टेक कंपनियां चिंता में हैं और एनवीडिया के शेयर क्‍यों गिर रहे हैं? डीपसीक और इसके चैटबाट से जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें ...

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    How China's Startup is Challenging Global AI Giants: चीन का एआई डीपसीक! जागरण ग्राफिक्‍स टीम

    जागरण टीम, नई दिल्‍ली। इन दिनों टेक्नोलॅाजी या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दुनिया में चीन का एक स्टार्टअप डीपसीक अपने लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) वी3 और आर1 के लिए चर्चा में है,  यह चैटबोट के जरिये अपने ग्राहकों को सेवा देता है।

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    डीपसीक के इन दोनों एलएलएम को गुणवत्ता और लागत के मामले में अमेरिकी कंपनियों- ओपनएआई के चैटजीपीटी, माइक्रोसॉफ्ट के कोपायलट, मेटा के लिआमा व गूगल जैमिनी से भी बेहतर बताया जा रहा है।

    डीपसीक क्‍या है, इसकी क्‍या खासियत है? डीपसीक के वजह क्‍यों टेक कंपनियां चिंता में हैं और एनवीडिया के शेयर क्‍यों गिर रहे हैं? डीपसीक और इसके चैटबॉट से जुड़े सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें ...

    क्या है डीपसीक?

    डीपसीक चीन के दक्षिण पूर्वी शहर हांगचो में स्थित है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफार्म सेंसर टावर के मुताबिक, डीपसीक की स्थापना जुलाई 2023 में हुई है। इसके संस्थापक लिआंग वेनफेंग हैं, जिन्होंने हेज फंड के जरिये पैसा जुटाकर डीपसीक की शुरुआत की है। वेनफेंग एक इनफार्मेशन एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर हैं। वेनफेंग हेज फंड के मैनेजर भी रहे हैं।

    क्या हैं वी3 और आर1 वी3 और आर1?

    डीपसीक के एलएलएम मॉडल हैं। वी3 को दिसंबर 2024 और आर1 को 10 जनवरी 2025 को लॉन्‍च किया गया है। इन दिनों आर1 की चर्चा कम लागत और दक्षता के कारण हो रही है।

    डीपसीक का कहना है कि उसने आर1 को तैयार और प्रशिक्षित करने में केवल 60 लाख डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। जबकि ओपनएआई, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा या अन्य कंपनियों ने अपने चैटबॉट तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

    डीपसीक की खासियत क्‍या है?

    • इसकी गुणवत्ता काफी बेहतर और लागत काफी कम है।
    • यह मॉडल गणित, कोडिंग और जनरल नॉलेज से जुड़े कामों का बेहद कारगर है।
    • यह 90-95 प्रतिशत ज्यादा किफायती है और महंगे हार्डवेयर की जरूरत कम होती है।
    • विभिन्न समस्याओं और कार्यों को पूरा करने में इसका स्कोर 92 प्रतिशत रहा है, जबकि चैटजीपीटी-4 का स्कोर 78 प्रतिशत है।
    • इसको एनवीडिया की एच800 चिप का इस्तेमाल करके बनाया गया है जो मध्यम रेंज की चिप है।
    • डीपसीक का एआई एप उसकी वेबसाइट और एपल स्टोर पर उपलब्ध है।
    • यह सेवा मुफ्त है और एपल के स्टोर पर सबसे तेजी से डाउनलोड होने वाला एप बन गया है।

    क्यों गिर रहे एनवीडिया के शेयर?

    एनवीडिया दुनिया की सबसे बड़ी एआई चिप निर्माता है। डीपसीक ने अपना एआई मॉडल काफी सस्ती चिप का इस्तेमाल करके बनाया है। इससे दुनिया में महंगी चिप की मांग में कमी आने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा डीपसीक ने एनवीडिया की मुख्य प्रतिद्वंदी एएमडी से हाथ मिलाया है।

    इससे डीपसीक को और ताकतवर व दक्षता वाला एआई मॉडल बनाने में मदद मिल सकती है। डीपसीक के आर1 के लॉन्‍च होने के बाद एनवीडिया के शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है और कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 600 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ गई है।

    ओपनएआई के लिए खतरा क्यों?

    ओपनएआई ने महंगे हार्डवेयर का इस्तेमाल करने अपना एआई का मॉडल चैटजीपीटी बनाया है, जबकि डीपसीक महंगे हार्डवेयर पर निर्भर नहीं है। डीपसीक के आर1 को चैटजीपीटी से बेहतर बताया जा रहा है।

    ओपनएआई में चार हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, जबकि डीपसीक ने 200 कर्मचारियों की टीम से तकनीक की दुनिया में हलचल मचाने वाले उत्पाद तैयार किया है। डीपसीक का आर1 आने के बाद ओपनएआई ने 01 मॉडल लॉन्‍च किया है। डीपसीक के चैटबॉट सभी के लिए उपलब्ध है, जबकि ओपनएआई का 01 मॉडल अभी सभी के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

    ओपनएआई से कितना किफायती है ये?

    ओपनएआई का 01 मॉडल इस्तेमाल करने का शुल्क 15 डॉलर प्रति 10 लाख इनपुट टोकन है। वहीं, डीपसीक के आर1 का शुल्क केवल 0.55 डॉलर प्रति 10 लाख इनपुट टोकन है।

    किसी भी एलएलएम को अपनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए शब्दों, अक्षरों के सेट, विराम चिह्न और वाक्य आदि की जरुरत होती है। जब हम किसी चैटबॉट से लिखित में कुछ पूछते हैं तो वह हमारे लिखे हुए को छोटी-छोटी इकाइयों में बांट देते हैं। इनको टोकन कहा जाता है।

    क्‍या बिजली सेक्टर के शेयरों पर भी पड़ रहा असर?

    एआई मॉडल्स को सही तरीके से काम करने के लिए बहुत ज्यादा बिजली की जरूरत पड़ती है। एक आंकड़े के अनुसार, चैटजीपीटी एक सर्च रिक्वेस्ट के लिए गूगल सर्च के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा बिजली की खपत करता है। आज के समय में डाटा सेंटर बिजली के बड़े ग्राहक हैं और उन्हें 24 घंटे, सातों दिन बिजली की जरूरत होती है।

    गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय दुनियाभर में कुल बिजली खपत में डाटा सेंटर की 1-3 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसके 2030 तक 3-4 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

    इस कारण निवेशक बिजली क्षेत्र पर दांव लगा रहे थे। डीपसीक का एआई मॉडल अपने प्रतिद्वंदियों के मुकाबले काफी कम बिजली खपत करता है। ऐसे भविष्य में डाटा सेंटर के लिए अनुमानित बिजली खपत कम हो सकती है। इससे भारत समेत दुनियाभर में बिजली क्षेत्र के शेयरों में गिरावट हो रही है।

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    चीन से जुड़े प्रश्नों के सीधे उत्तर नहीं दे रहा डीपसीक

    एआई उद्योग पर डीपसीक के चैटबॉट का अंतिम प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह चीन से जुड़े संवेदनशील विषयों पर सवालों के सीधे उत्तर नहीं दे रहा है।

    यह चीन के इंटरनेट पर आम तौर पर देखा जाने वाला अभ्यास है। 2023 में चीन ने नियम जारी किए थे, जिसमें कंपनियों को अपने उत्पादों को सार्वजनिक रूप से लांच करने से पहले सुरक्षा समीक्षा करने और अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता थी।

    केवल 2000 चिप से बनाया डीपसीक

    डीपसीक के इंजीनियर्स का दावा है कि उन्होंने केवल एनवीडिया की दो हजार चिप से ही अपना चैटबॉट तैयार किया है। डीपसीक ने वर्ष 2021 में एनवीडिया से हजारों चिप खरीदी थीं।

    डीपसीक का एआई एक ओपन-ओपन सोर्स मॉडल है। यानी कोई भी इसके आधार पर अपना एआई बना सकता है। वहीं, अमेरिकी कंपनियों के एआई ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी पर आधारित नहीं है।

    अमेरिकी कंपनियों का कहना है कि ओपन-सोर्स होने से कोई भी एआई के जरिये इससे गलत या भ्रामक सूचनाओं का प्रसार कर सकता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अमेरिकी रेग्युलेटर ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी की प्रगति को रोकते हैं तो चीन को महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी।

    अमेरिकी एजेंसियों के लिए चैटजीपीटी जीओवी लॉन्‍च

    माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपेनएआई ने चैटजीपीटी जीओवी लॉन्च किया है। इसे अमेरिका की सरकारी कार्यालयों के लिए डिजाइन किया गया है। ओपेनएआई ने कहा कि एजेंसियां स्वयं के माइक्रोसॉफ्ट एज्यूर क्लाउड में चैटजीपीटी जीओवी को लोड कर सकते हैं और उन्हें कस्टम जीपीटी सहित चैटजीपीटी एंटरप्राइजेज की सभी सुविधाएं मिलेंगी।

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    Source: खबर में इस्‍तेमाल किए गए सभीफोटो रॉयटर से लिए गए हैं।