China: चीन ने सन वेइदॉन्ग को नियुक्त किया देश का उप विदेश मंत्री, भारत में तीन साल तक संभाली थी अहम जिम्मेदारी
सन वेइदॉन्ग ने जुलाई 2019 में भारत में चीनी राजदूत के रूप में कार्यभार संभाला था। अपने कार्यकाल में उन्होंने लंबे समय तक LAC पर भारत-चीन के बीच गतिरोध देखा। अब चीन ने उन्हें देश का उप विदेश मंत्री बनाया है।

बीजिंग, एजेंसी। भारत में चीन के पूर्व राजदूत रहे सन वेइदॉन्ग को चीन का उप विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। बता दें कि पूर्व चीनी राजदूत ने पिछले महीने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। जिसके बाद उन्हें भारत में चीनी राजदूत की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था।
सन वेइदॉन्ग को नियुक्त किया उप विदेश मंत्री
सरकारी मीडिया आउटलेट ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। चीन के मानव संसाधन और सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत में चीन के राजदूत के रूप में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सन वेइदॉन्ग को देश का उप विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है।
जुलाई 2019 में संभाली थी चीनी राजदूत की जिम्मेदारी
बता दें सन वेइदॉन्ग ने जुलाई 2019 में भारत में चीनी राजदूत के रूप में कार्यभार संभाला था। अपने कार्यकाल में उन्होंने लंबे समय तक LAC पर भारत-चीन के बीच गतिरोध देखा था। जिसको हल करने के लिए दोनों देशों की ओर से महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए। हालांकि, कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई, जिस कारण जो दोनों पक्षों के बीच प्रमुख मुद्दा बना रहा।
अपने विदाई भाषण में संबंधों को सुधारने पर दिया था जोर
अपने विदाई भाषण में सन वेइदॉन्ग ने भारत और चीन के बीच मतभेदों को प्रबंधित करने और हल करने की आवश्यकता पर बल दिया था। उन्होंने एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत को बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को मतभेदों को प्रबंधित करने और हल करने का प्रयास करना चाहिए और चीन-भारत संबंधों को मतभेदों से परिभाषित करने के बजाय बातचीत और परामर्श के माध्यम से एक उचित समाधान की तलाश करनी चाहिए।
विदेश मंत्री जयशंकर ने की थी मुलाकात
सन वेइदॉन्ग ने कहा था कि दोनों देशों को एक-दूसरे की राजनीतिक प्रणालियों और विकास पथों का सम्मान करने की आवश्यकता है और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत को बनाए रखें। उनके जाने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी दूत से मुलाकात की थी, इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
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