चीन के पूर्व मंत्री ने करप्शन से कमाए इतने अरब रुपये, अब कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
चीन के पूर्व कृषि मंत्री तांग रेनजियन को रिश्वतखोरी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। उन पर 38 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत लेने का आरोप है। कोर्ट ने उन्हें आजीवन राजनीतिक पदों से वंचित करने और उनकी निजी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। तांग ने 2007 से 2024 के बीच अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दूसरों से 268 मिलियन युआन की रिश्वत ली।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन में सरकार के मंत्रियों के अचानक गायब होने की तमाम खबरें आपने हमेशा सुनी होंगी। अब चीन के पूर्व कृषि और ग्रामीण मामलों के मंत्री तांग रेनजियन को रिश्वत के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। हालांकि, ये फैसला दो साल बाद लागू होगा। बता दें कि इस पूर्व मंत्री पर कुल 38 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत लेने का आरोप था।
दरअसल, चांगचुन के मध्यस्थ पीलुल्स कोर्ट ने तांग को आजीवन राजनीतिक अधिकारियों से वंचित करने और उनकी सभी निजी संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जो पैसे पूर्व मंत्री की इन संपत्तियों से आएगा, उसको राष्ट्रीय राहत कोष में जमा कराया जाएगा।
चीन के मंत्री पर लगे हैं ये आरोप
चीन के पूर्व मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने साल 2007 से 2024 के बीच अपने पदों का फायदा उठाया। इस दौरान उन्होंने व्यापार, प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्टिंग और नौकरी समायोजन में दूसरों की मदद की। इसके बदले उन्होंने 268 मिलियन युआन की राशि की वस्तुओं गिफ्ट में ली।
चीन के पूर्व मंत्री तांग ने अपने अपराध को कोर्ट में स्वीकार किया है। अदालत ने कहा कि उनके अपराधों ने राज्य और जनता को काफी नुकसान पहुंचाया है। गौरतलब है कि चीन के पूर्व मंत्री ने अपराध को स्वीकार करते हुए अवैध संपत्तियां लौटा दी। इस कारण कोर्ट ने अंतिम फैसले में उन्हें मोहलत दी है।
कब है पूरा मामला?
बता दें कि ये पूरा मामला 25 जुलाई को कोर्ट में सुना गया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष, प्रतिवादी और उनके वकील ने सभी सबूतों की जांच की और सभी ने अपनी बातों को रखा।
भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी
ध्यान देने वाली है कि चीन साल 2012 में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सत्ता में आने के बाद व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया गया। इस अभियान में 10 लाख से अधिक अधिकारियों को दंडित किया गया। इसमें कई सैन्य अधिकारी भी शामिल रहे। (समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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