चीन ने पहली बार ग्रीनहाउस गैस में कटौती का किया वादा, 2035 तक 7 से 10 प्रतिशत कम करेगा उत्सर्जन
चीन ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने का वादा किया है जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2035 तक कार्बन उत्सर्जन में 7-10% कटौती करने का लक्ष्य रखा है। चीन अपनी ऊर्जा प्रणाली में गैर-जीवाश्म ईंधनों का उपयोग 30% तक बढ़ाएगा। सौर पवन और जल विद्युत ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा जिससे कोयला संयंत्रों पर निर्भरता कम होगी और उत्सर्जन में कमी आएगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने पहली बार ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने का वादा किया है, जो वैश्विक जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने यह घोषणा ऐसे समय की है, जब दुनिया भर के देश जलवायु संकट के समाधान के लिए एकजुट हो रहे हैं।
चीन पहले इससे इन्कार करता रहा और यही कहता रहा कि वह करीब 2030 तक अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बढ़ोतरी करता रहेगा। चीनी राष्ट्रपति ने बुधवार को वीडियो लिंक के जरिये संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य को लेकर विवरण साझा किया।
चीन 2035 तक 10 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन में कटौती करेगा
चिनफिंग ने बताया कि उनका देश 2035 तक कार्बन डाईआक्साइड और अन्य के उत्सर्जन में सात से दस प्रतिशत तक की कटौती करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि चीन अगले एक दशक में अपनी ऊर्जा प्रणाली में गैर-जीवाश्म ईंधनों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक करेगा। उन्होंने सौर, पवन और जल विद्युत ऊर्जा का जिक्र किया। अगर ऊर्जा के ये स्त्रोत कोयला आधारित संयंत्रों की जगह ले लें तो चीन में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में काफी कमी आएगी। चीन कोयला आधारित संयंत्रों पर निर्भर है।
ट्रंप प्रशासन के कदम का दूसरे देशों पर प्रभाव नहीं: जेफरी
रायटर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के विशेष सलाहकार जेफरी सैस ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से जलवायु परिवर्तन को निशाना बनाए जाने का दूसरे देशों के उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने मंगलवार को यूएन महासभा में संबोधन के दौरान जलवायु परिवर्तन को सबसे बड़ा धोखा करार दिया था।
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