लॉरेंस बिश्नोई गैंग को क्यों किया गया आतंकी संगठन घोषित, क्या है कनाडा सरकार का कानून?
कनाडा ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। हत्या गोलीबारी आगजनी और जबरन वसूली जैसे अपराधों में शामिल होने के कारण यह कदम उठाया गया। कनाडा में इस समूह की संपत्ति जब्त की जा सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कनाडाई समकक्ष के बीच हुई वार्ता के बाद यह घोषणा हुई। अब कनाडा में कुल 88 आतंकी संगठन सूचीबद्ध हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा ने सोमवार को लारेंस बिश्नोई गिरोह को आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन घोषित कर दिया। आतंकी संगठन घोषित करने के पीछे सरकार ने हत्या, गोलीबारी, आगजनी और जबरन वसूली और धमकी के जरिए आतंक फैलाने में उसकी संलिप्तता का हवाला दिया।
एक बयान में कहा गया कि कनाडा में हिंसा और आतंक के कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है, खासकर उन कृत्यों के लिए जो भय और धमकी का माहौल बनाने के लिए विशिष्ट समुदायों को निशाना बनाते हैं। कनाडा के लोक सुरक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, आतंकवादी सूची में शामिल होने का मतलब है कि कनाडा में उस समूह के स्वामित्व वाली कोई भी संपत्ति, वाहन, धन, सब कुछ जब्त किया जा सकता है और इससे कनाडा के कानून प्रवर्तन को आतंकवादी अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए और अधिक अधिकार मिलेंगे।
अजीत डोभाल से हुई थी कनाडाई समकक्ष की मुलाकात
यह घटनाक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रोइन के बीच नई दिल्ली में व्यापक वार्ता के बाद सामने आया है। वार्ता के दौरान, दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों में एक नए अध्याय की ओर सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए थे, जिसमें आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए मिलकर काम करना शामिल है।
मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने सोमवार को कहा, '' लारेंस बिश्नोई गिरोह द्वारा विशिष्ट समुदायों को आतंक, हिंसा और धमकी देकर निशाना बनाया जा रहा है। आतंकी समूह में सूचीबद्ध करने से हमें उन्हें रोकने के लिए अधिक शक्तिशाली और प्रभावी उपकरण मिलते हैं।''
कितने आतंकी संगठन हुए सूचिबद्ध
लारेंस बिश्नोई गिरोह को शामिल करने के साथ अब कनाडा में 88 आतंकी संगठन सूचीबद्ध हो गए हैं। लारेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाला गिरोह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठन है। उनकी कनाडा में उपस्थिति है और वे महत्वपूर्ण प्रवासी समुदायों वाले क्षेत्रों में सक्रिय हैं। कनाडाई पुलिस ने कुछ जबरन वसूली के मामलों को इस गिरोह से जोड़ा है, जिसका सरगना भारत की जेल में है।
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