37 घंटों की नॉन स्टॉप उड़ान, हवा में ही भरा ईंधन; तेहरान पर कैसे आफत बनकर बरसे अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स?
बीती रात अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स विमान ईरान पर कहर बनकर बरसे। 37 घंटों की उड़ान भरकर समंदर पार से आए इन विमानों ने ईरान के अहम परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया। अमेरिकी सेना ने बी-2 बॉम्बर्स की मदद से फोर्डो, नतांज और इस्फहान जैसे परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला किया।

अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स विमान। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीती रात ईरान के आसमान से एक बार फिर अचानक बम बरसने लगे। मगर इस बार ईरान के एअर स्पेस में इजरायल के लड़ाकू विमान नहीं घुसे थे, बल्कि यह अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स थे, जिन्होंने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों - फोर्डो, नतांज और इस्फहान को तबाह कर दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को "सबसे सफल अटैक" करार दिया है। मगर क्या आप जानते हैं अमेरिकी सेना ने इस हमले को कैसे अंजाम दिया है?
बिना रुके भरी 37 घंटे की उड़ान
अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स ने मिसौरी राज्य से उड़ान भरी थी। इस एअर स्ट्राइक के दौरान बी-2 बॉम्बर्स 37 घंटे तक आसमान में थे। मिसौरी से तेहरान की दूरी तय करने और एअर स्ट्राइक के दौरान कई बार हवा में ही इन विमानों में ईंधन भरा गया, जिसके बाद उन्होंने ईरान में सबसे भीषण हमले को अंजाम दिया।
फोर्डो पर गिराए 6 बंकर बम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "फोर्डो खत्म हो चुकी है।" बता दें फोर्डो को ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकानों में गिना जाता है। यहां जमीन के कई फीट नीचे किलेबंद परमाणु ठिकाना है, जिसे अमेरिका ने नष्ट कर दिया।
30 टॉमहॉक मिसाइलें बरसाईं
ट्रंप के अनुसार, फोर्डो पर 6 बंकर बम गिराए गए और ईरान के अन्य परमाणु ठिकानों को 30 टॉमहॉक मिसाइलों से तबाह किया गया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी ईरानी हमले में अमेरिकी बी-2 बॉम्बर्स के शामिल होने की पुष्टि कर दी है।
प्रशांत महासागर में तैनात थे बी-2 बॉम्बर्स
बता दें कि अमेरिका ने शनिवार को ही प्रशांत महासागर में स्थित गुआम द्वीप पर बी-2 बॉम्बर्स तैनात कर दिए थे। ईरानी अधिकारियों ने भी फोर्डो में भारी नुकसान की अटकलों पर मुहर लगा दी है।
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