Myanmar: आंग सान की पार्टी को भंग करने पर संयुक्त राष्ट्र ने लिया संज्ञान, लोकतंत्र की वापसी का किया आह्वान
म्यांमार की सैन्य जुंटा चुनाव आयोग द्वारा अपदस्थ नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) की पार्टी को भंग करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने देश में लोकतंत्र बहाल करने का आह्वान किया है। उन्होंने आंग सान सू की की रिहाई पर जोर दिया। Photo- ANI
न्यूयॉर्क, एएनआई। म्यांमार के सैन्य शासित चुनाव आयोग द्वारा अपदस्थ नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) की पार्टी को भंग करने के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने देश में लोकतंत्र बहाल करने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को आंग सान सू की की रिहाई पर जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी को भंग करने वाली म्यांमार की सेना के बारे में स्टीफन दुजारिक ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह उस दिशा में एक और कदम है, जिधर हम नहीं जाना चाहेंगे।" उन्होंने कहा, "हम म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी देखना चाहते हैं। हम आंग सान सू की और अन्य लोगों की रिहाई देखना चाहेंगे, जिन्हें हिरासत में रखा गया है और हम इस दिशा में काम करना जारी रखेंगे।"
आंग सान की पार्टी को सेना ने किया भंग
बता दें कि दुजारिक का बयान म्यांमार के सैन्य-नियंत्रित चुनाव आयोग के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि अपदस्थ नेता आंग सान सू की की पार्टी को एक नए चुनावी कानून के तहत फिर से पंजीकृत करने में विफल रहने के कारण भंग कर दिया जाएगा। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी उन 40 राजनीतिक दलों में शामिल थी, जो चुनाव के लिए सत्तारूढ़ सेना के पंजीकरण की समय सीमा को पूरा करने में असमर्थ है।
इससे पहले जनवरी में, म्यांमार की सेना ने राजनीतिक दलों को नए चुनावों से पहले एक सख्त नए चुनावी कानून के तहत फिर से पंजीकरण कराने के लिए दो महीने का समय दिया था। हालांकि, विरोधियों ने कहा था कि चुनाव न तो स्वतंत्र होंगे और न ही निष्पक्ष।
सेना के फैसले का विरोध
एनएलडी ने कहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी और इसे अनुचित बताया है। आंग सान सू की की पार्टी के निर्वाचित सांसदों में से एक बो बो ओओ ने कहा, "हम बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते हैं कि चुनाव ऐसे समय में होगा, जब कई राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता जेल में हैं। साथ ही लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।''