'जन्मजात नागरिकता छीनी नहीं जा सकती', ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका; क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जन्मजात नागरिकता के अधिकार पर झटका लगा है। बोस्टन की संघीय अपील अदालत ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अवैध रूप से रह रहे लोगों के बच्चों की नागरिकता नहीं छीन सकता। अदालत ने राष्ट्रपति के आदेश को अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन बताया जो अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी व्यक्ति को नागरिक मानता है।

एपी, बोस्टन। जन्मजात नागरिकता के अधिकार को खत्म करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मंसूबों को बड़ा झटका लगा है। बोस्टन की संघीय अपील अदालत ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप प्रशासन देश में अवैध रूप से या अस्थायी रूप से रह रहे लोगों के पैदा हुए बच्चों की नागरिकता नहीं छीन सकता।
प्रथम अमेरिकी सर्किट अपील न्यायालय के तीन न्यायाधीशों के पैनल ने राष्ट्रपति के आदेश को अवरुद्ध करने वाले आदेश को बरकरार रखा।अमेरिकी सर्किट जज डेविड बैरन ने कहा कि ट्रंप के आदेश ने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन किया है, जिसके अनुसार अमेरिका में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति नागरिक माना जाता है।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही ट्रंप ने लिए थे कई फैसले
जनवरी में राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के दिन हस्ताक्षरित यह आदेश अमेरिका में अवैध रूप से या अस्थायी रूप से रहने वाले लोगों के पैदा हुए बच्चों की स्वत: नागरिकता पाने के अधिकार को रोकता है। कैलिफोर्निया के अटार्नी जनरल राब बोन्टा ने इस फैसले का स्वागत किया। उनका राज्य उन 20 राज्यों में से एक है, जिन्होंने इस आदेश को चुनौती दी है।
ट्रंप प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट से यकीन
उन्होंने कहा, ''प्रथम सर्किट ने उस बात की पुष्टि की जो हम पहले से जानते थे। जन्मजात नागरिकता पर राष्ट्रपति का हमला अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का घोर उल्लंघन है और इसके विनाशकारी प्रभावों से बचाव के लिए राष्ट्रव्यापी निषेधाज्ञा ही एकमात्र उचित उपाय है। हमें खुशी है कि अदालतें अमेरिकियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करती रही हैं।'' वहीं, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने कहा कि अदालत ने 14वें संशोधन की गलत व्याख्या की है। उन्होंने कहा, ''हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।''
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।