Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'मुझे नहीं मिला तो...', नोबल शांति पुरस्कार के लिए बच्चों की तरह बिलख रहे ट्रंप, अब कर दिया ये एलान

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 08:30 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाक समेत सात वैश्विक संघर्षों को समाप्त कराने में अहम भूमिका निभाई है। ट्रंप ने गाजा संघर्ष को समाप्त कराने की योजना का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलता है तो यह अमेरिका का अपमान होगा। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों की आलोचना की और पूछा कि क्या कर रहा है।

    Hero Image
    नोबल शांति पुरस्कार के लिए बच्चों की तरह बिलख रहे ट्रंप (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने भारत-पाक समेत सात वैश्विक संघर्षों को समाप्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके बावजूद अगर उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया जाता है तो यह अमेरिका के लिए बड़े अपमान की बात होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गाजा संघर्ष को समाप्त कराने की योजना का जिक्र करते हुए ट्रंप ने मंगलवार को क्वांटिको में सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा- ''मुझे लगता है, हमने इसे सुलझा लिया है। अब हमास को सहमत होना होगा और यदि वे नहीं मानते तो उनके लिए बहुत मुश्किल होगी। सभी अरब, मुस्लिम राष्ट्र इससे सहमत हैं। इजरायल भी सहमत है। यह बहुत बड़ी बात है कि सभी एक साथ आए हैं।"

    'ट्रंप ने कहा कि अगर सोमवार को घोषित गाजा संघर्ष को समाप्त कराने की उनकी योजना भी कामयाब हो जाती है तो वे पिछले कुछ महीनों में ही आठ जंगों को सुलझाने में कामयाब हो जाएंगे।

    मुझे फिर भी नोबल नहीं मिलेगा- ट्रंप

    ट्रंप ने कहा-'यह शानदार है। कोई ऐसा कभी नहीं कर पाया। फिर भी, क्या आपको नोबेल पुरस्कार मिलेगा? बिल्कुल नहीं। वे इसे किसी ऐसे व्यक्ति को देंगे जिसने कुछ भी नहीं किया होगा। वे इसे ऐसे व्यक्ति को देंगे, जिसने डोनल्ड ट्रंप के विचारों और युद्ध को सुलझाने के लिए क्या किया गया, इस पर कोई किताब लिखी है.. जी हां, नोबेल पुरस्कार किसी लेखक को मिलेगा। लेकिन देखते हैं आखिर होता क्या है।'

    मुझे नोबल नहीं मिला तो अमेरिका के लिए बड़ा अपमान- ट्रंप

    अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- 'अगर मुझे नोबेल नहीं मिलता है तो यह हमारे देश के लिए बड़े अपमान की बात होगी। मैं आपको बता दूं कि मैं ऐसा नहीं चाहता। मैं चाहता हूं कि यह देश को मिले। यह सम्मान देश को मिलना ही चाहिए क्योंकि ऐसा कुछ पहले कभी नहीं हुआ। इस बारे में सोचिएगा जरूर। मुझे लगता है कि यह योजना (गाजा संघर्ष को समाप्त कराने की) सफल होगी। मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा, क्योंकि मैं समझौतों के बारे में किसी से भी ज्यादा जानता हूं।'

    संयुक्त राष्ट्र संघ आखिर कर क्या रहा- ट्रंप

    उन्होंने कहा कि लेकिन, आठ समझौते कराना वाकई सम्मान की बात है। उन्होंने पूछा कि संयुक्त राष्ट्र संघ आखिर कर क्या रहा। ट्रंप ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे युद्धों को रुकवाने के लिए आगे आना पड़ा जबकि जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ को ये करना चाहिए था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के काम की भी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने इनमें से किसी में भी मदद करने की कोशिश नहीं की। कहा- आखिर वह कर क्या रहा है?

    उन्होंने पूछा- ''संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य क्या है?'' उन्होंने कहा कि असल में संस्था का काम केवल एक कड़े शब्दों वाला पत्र लिखना है और फिर कभी उस पत्र का पालन नहीं करना है।''

    इन संघर्षों को रुकवाने का दावा करते हैं ट्रंप

    भारत और पाकिस्तान, इजरायल और ईरान, आर्मेनिया और अजरबैजान, कांगो और रवांडा, कंबोडिया और थाईलैंड, मिश्र और इथियोपिया, कोसोवो और सर्बिया

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- इजरायल के लिए खतरे की घंटी... कतर को ट्रंप की गारंटी, हमला हुआ तो अमेरिकी सेना करेगी पलटवार