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    'युद्ध रोक दो नहीं तो...', थाईलैंड-कंबोडिया सैन्य संघर्ष में ट्रंप की एंट्री; भारत और पाक का भी लिया नाम

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Sat, 26 Jul 2025 11:02 PM (IST)

    रॉयटर्स के अनुसार थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तीन दिनों से चल रहे हिंसक संघर्ष में 16 लोगों की जान गई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से बात कर तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संघर्ष जारी रहा तो वे व्यापारिक समझौते नहीं करेंगे। थाईलैंड ने एफ-16 फाइटर जेट्स तैनात किए हैं।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड-कंबोडिया सैन्य संघर्ष रोकने की चेतावनी दी।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    रॉयटर्स, वॉशिंगटन। थाईलैंड और कंबोडिया के बीत बीते तीन दिनों से हिंसक संघर्ष चल रही है। इस संघर्ष में 16 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, हजारों लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। संघर्ष में सिर्फ गोलीबारी तक सीमित नहीं है, बल्कि भारी हथियारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

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    ट्रंप ने की सैन्य संघर्ष रोकने की अपील

    इस सैन्य संघर्ष को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड के नेताओं से बात की है और दोनों देश तत्काल युद्धविराम चाहते हैं।

    स्कॉटलैड की यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि वह "इस समय चल रहे युद्ध का अंत" चाहते हैं और चेतावनी दी कि अगर दक्षिण-पूर्व एशियाई सरकारें अभी भी लड़ रही हैं, तो वह उनके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेंगे।

    भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष का भी किया जिक्र 

    ट्रंप ने ये भी कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को भी रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि मैंने दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष को रुकवाने के लिए व्यापार को मुद्दा बनाया था। दोनों देशों ने समझदारी दिखाते हुए सीजफायर का एलान किया। 

    थाईलैंड ने तैनात किए दो एफ-16

    बता दें कि 26 जुलाई को रॉयल थाई एयर फोर्स ने दो एफ-16 और दो ग्रिपेन फाइटर जेट्स को तैनात किया। बता दें कि 1000 हजार साल पुराने दो शिव मंदिरों को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है। सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि कई ऐसे इलाकें हैं, जिस पर दोनों देश अपना दावा करते आए हैं।

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