'हम इस बात पर सहमत हैं कि...', अमेरिका से तनाव के बीच जयशंकर ने की रूबियो से मुलाकात, पढ़ें क्या हुई बातचीत
न्यूयॉर्क में भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें टैरिफ और एच-1बी वीजा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने प्राथमिकता वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई। विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से भी मुलाकात की। हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद सामने आए हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टैरिफ और एच-1बी जैसे मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के फैसलों से भारत और अमेरिका के बीच तनाव भरे माहौल में सोमवार को न्यूयार्क में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई।
बैठक के बारे में दोनों पक्षों ने विस्तार से कुछ नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि कारोबारी समझौते से लेकर चाबहार पोर्ट को प्रतिबंधित करने और भारतीयों पेशेवरों के लिए वीजा (एच-1बी) से जुड़े मुद्दों पर बात हुई है।
किन बातों पर बनी सहमति?
दोनों नेताओं में प्राथमिकता वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता जारी रखने पर सहमति बनी है। जयशंकर ने भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से भी मुलाकात की। हाल के हफ्तों में 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ सहित कई मुद्दों पर मतभेद उठने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो के बीच यह पहली बैठक थी।
बैठक के बाद जयशंकर ने इंटरनेट मीडिया पर संक्षिप्त बयान में कहा, 'विदेश मंत्री रूबियो से काफी अच्छी मुलाकात हुई। द्विपक्षीय मसलों से लेकर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात पर बातचीत हुई। हम इस बात पर सहमत है कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति को लेकर सतत विमर्श चलता रहेगा। हम संपर्क बनाकर रखेंगे।'
रविवार शाम को अमेरिका पहुंचे जयशंकर
दोनों नेता इससे पहले क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जुलाई में वॉशिंगटन में मिले थे। जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महाधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम अमेरिका पहुंचे हैं। वह 27 सितंबर को महाधिवेशन को संबोधित करेंगे। यह भी उल्लेखनीय है कि भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी समझौते को लेकर स्थगित वार्ता भी शुरू होने जा रही है। इसके लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी अमेरिका पहुंच रहे हैं।
ट्रंप ने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले लिए फैसले
ट्रंप प्रशासन की तरफ से पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कई ऐसे फैसले हुए हैं जो भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। इसमें ईरान में भारत निर्मित चाबहार पोर्ट को प्रतिबंध के दायरे में लाने का फैसला भी है।
अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा को लेकर नया नियम बनाया है जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की आशंका है। इसके अलावा कारोबारी मुद्दों पर तो दोनों देशों के बीच टकराव चल रहा है। स्थिति को संभालने के लिए पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बात हुई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच दो दशकों में बने सौहार्दपूर्ण रिश्तों को काफी क्षति पहुंच चुकी है।
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