पुतिन पर पलटवार; जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने के आवेदन पर किए दस्तखत, बाइडन ने भी दिया करारा जवाब
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लुहांस्क और डोनेस्क समेत यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाने का एलान किया। पुतिन के इस कदम के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका मुल्क नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए त्वरित आवेदन प्रस्तुत कर रहा है।
कीव, एपी। रूस ने शुक्रवार को लुहांस्क और डोनेस्क समेत यूक्रेन के चार क्षेत्रों को अपने अंदर मिला लिया। खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी घोषणा की। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर के साथ ही यूक्रेन के चारों इलाके औपचारिक रूप से रूस का हिस्सा बन गए। रूस के इस कदम से यूक्रेन समेत पश्चिमी मुल्क बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका मुल्क नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए 'त्वरित' आवेदन प्रस्तुत कर रहा है।
आवेदन पर हस्ताक्षर करने की बात कही
जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelenskyy) ने कहा कि हम नाटो में शामिल होने के लिए यूक्रेन के आवेदन पर हस्ताक्षर करके अपना निर्णायक कदम उठा रहे हैं। हालांकि समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस 'त्वरित' आवेदन का क्या अर्थ होगा.... क्योंकि नाटो में किसी मुल्क को शामिल करने के लिए गठबंधन के सदस्यों के सर्वसम्मत समर्थन की जरूरत होती है।
जेलेंस्की ने क्षेत्रों को हासिल करने की प्रतिबद्धता दोहराई
जेलेंस्की ने आगे कहा कि हम पहले ही नाटो गठबंधन मानकों के साथ संगतता साबित कर चुके हैं। हम एक दूसरे पर भरोसा करते हैं, हम एक दूसरे की मदद करते हैं और हम एक दूसरे की रक्षा करते हैं। इसलिए यह गठबंधन है। इसके साथ ही जेलेंस्की ने रूस के कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को फिर से हासिल करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई। उन्होंने कहा- हमारे देश का पूरा क्षेत्र दुश्मन से मुक्त हो जाएगा। यही नहीं बातचीत के लिए पुतिन के आह्वान का जवाब देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि हम रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन... रूस के दूसरे राष्ट्रपति के साथ।
बाइडन ने बताई बेशर्म कोशिश
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के संप्रभु क्षेत्र पर रूसी दावों को कभी भी मान्यता नहीं देगा। साथ ही रूस के कदम को 'बेशर्म' कोशिश करार दिया। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह तथाकथित जनमत संग्रह एक दिखावा था। इसके नतीजे रूस ने बनाए थे। यूक्रेनी लोगों की सच्ची इच्छा हर दिन स्पष्ट नजर आती है क्योंकि वे अपने मुल्क की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं।
टकराव तेज होने की आशंका
व्लादिमीर पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस में मिलाए गए क्षेत्रों को वे वापस नहीं करेंगे। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में किसी दूसरे देश के क्षेत्रों को अपना हिस्सा बनाने की यह सबसे बड़ी घटना है। रूस के इस कदम को पश्चिमी देशों ने अस्वीकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया जबकि यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों ने कहा है कि वे इन क्षेत्रों में रूस द्वारा कराए गए जनमत संग्रह को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। इस घटनाक्रम के चलते रूस और यूक्रेन में संघर्ष के और तेज होने की आशंका पैदा हो गई है।
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