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    रूस का हिस्सा बने लुहांस्क, डोनेस्क समेत चार क्षेत्र, पुतिन ने यूक्रेन से बातचीत के लिए रखी शर्त

    By Jagran NewsEdited By: Arun kumar Singh
    Updated: Fri, 30 Sep 2022 06:47 PM (IST)

    जनमत संग्रह के बाद रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के चार क्षेत्रों को अपने अंदर मिला लिया। रूसी राष्ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन ने इसकी घोषणा की। इसके साथ ही लुहांस्क डोनेस्क खेरसान और जपोरीजिया के प्रशासकों की भी घोषणा की गई।

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    सी राष्ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन ने इसकी घोषणा की।

    जपोरीजिया, रायटर। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को यूक्रेन के जीते हुए चार क्षेत्रों को अपने देश में मिलाने के लिए संधि पर हस्ताक्षर कर दिया। क्रेमलिन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में पुतिन ने कहा कि लुहांस्क, दोनेत्स्क, खेरसान क्षेत्र और जपोरीजिया क्षेत्र हमेशा के लिए हमारे देश का हिस्सा बन रहे हैं। हम सभी उपलब्ध साधनों और पूरी शक्ति से अपनी जमीन की रक्षा करेंगे। उन्होंने यूक्रेन से अपील की कि वह संघर्ष छोड़कर तत्काल बातचीत की मेज पर आए। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस में मिलाए गए क्षेत्रों को वे वापस नहीं करेंगे। पुतिन ने पश्चिम पर जर्मनी में रूसी गैस पाइपलाइनों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है।

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    पुतिन ने स्वीकृति पत्र पर किया हस्ताक्षर

    रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर के साथ ही यूक्रेन के चारों इलाके औपचारिक रूप से रूस का हिस्सा बन गए। क्रेमलिन में हस्ताक्षर समारोह के बाद पुतिन भाषण दिया। इस दौरान यूक्रेन के इन क्षेत्रों में मास्को द्वारा नियुक्त प्रशासकों के साथ मुलाकात भी की।

    यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों ने जनमत संग्रह को किया खारिज

    दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में किसी दूसरे देश के क्षेत्रों को अपना हिस्सा बनाने की यह सबसे बड़ी घटना है। रूस के इस कदम को पश्चिमी देशों ने अस्वीकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया है। एपी के अनुसार, यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों ने कहा है कि वे इन क्षेत्रों में रूस द्वारा कराए गए जनमत संग्रह को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। दूसरी तरफ पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया है कि वे रूस को अपना उपनिवेश और यहां के लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं। पुतिन के अनुसार, इसी रणनीति के तहत पश्चिमी देश संघर्ष को हवा दे रहे हैं।

    यूक्रेन ने जताया कड़ा विरोध

    उधर, यूक्रेन ने चेतावनी दी है कि इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्रेमलिन की घोषणा के बाद अपने उच्च रक्षा अधिकारियों और राजनेताओं की आपात बैठक बुलाई है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस के कब्जे वाला क्षेत्र विशुद्ध रूप से यूक्रेन का है। जनमत संग्रह का यूक्रेन ने शुरू से विरोध किया है।

    पश्चिमी देशों ने की जनमत संग्रह की कड़ी निंदा

    रूस का कहना है कि इन क्षेत्रों में पांच दिन तक चले जनमत संग्रह में इन्हें रूस में शामिल करने के पक्ष में 90 प्रतिशत से ऊपर मत पड़े हैं। यह यूक्रेन की कुल भूमि का 15 प्रतिशत है। रूस के इस जनमत संग्रह की पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा करते हुए इसे महज दिखावा बताया। कहा कि बंदूक के जोर पर यह जनमत संग्रह हुआ है। बता दें कि 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को भी रूस ने ऐसी ही प्रक्रिया अपनाकर शामिल कर लिया था। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने रूस द्वारा लुहांस्क समेत यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाने की घोषणा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह खतरनाक साबित होगा।

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