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    Panama Canal: पनामा नहर तक पहुंच के लिए सैन्य विकल्पों पर विचार कर रहा पेंटागन, रिपोर्ट्स में हुए खुलासे

    Updated: Fri, 14 Mar 2025 04:29 PM (IST)

    पनामा नहर को लेकर एक बार फिर से चर्चा हो रही है। पनामा नहर को लेकर अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सेना को यह सुनिश्चित करने के लिए विकल्प प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए कि संयुक्त राज्य अमेरिका को पनामा नहर तक पूरी पहुंच मिले। व्हाइट हाउस ने पेंटागन को पनामा नहर के लिए विकल्प बनाने का आदेश दिया था।

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    पनामा नहर तक पहुंच की तैयारी में पेंटागन। (फोटो- रॉयटर्स)

    वाशिंगटन, रॉयटर्स। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए अमेरिका के दो अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी सेना को यह सुनिश्चित करने के लिए विकल्प प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए कि संयुक्त राज्य अमेरिका को पनामा नहर तक पूरी पहुंच मिले।

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    दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा है कि वह पनामा नहर को वापस लेना चाहते हैं। बता दें कि पनामा नहर उत्तर और दक्षिण अमेरिका के बीच इस्थमस के सबसे संकरे हिस्से में स्थित है और इसे दुनिया के सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक माना जाता है।

    सैन्य विकल्पों पर किया जा रहा विचार

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए नाम न बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि नए प्रशासन द्वारा अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा मार्गदर्शन के रूप में एक दस्तावेज में सेना से पनामा नहर तक पहुँच की सुरक्षा के लिए सैन्य विकल्पों पर विचार करने का आह्वान किया गया है।

    वहीं, एक दूसरे अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सेना के पास पहुंच की सुरक्षा के लिए संभावित विकल्पों की एक विस्तृत सीरीज है, जिसमें पनामा की सेना के साथ एक गहरी साझेदारी सुनिश्चित करना भी शामिल है।

    क्या है डोनाल्ड ट्रंप का प्लान?

    रॉयटर्स ने NBC न्यूज के हवाले से बताया कि व्हाइट हाउस ने पेंटागन को पनामा नहर के लिए विकल्प बनाने का आदेश दिया था। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका को नहर वापस लेने की जरूरत है क्योंकि चीन इसे नियंत्रित करता है और अमेरिकी हितों को कमजोर करने के लिए जलमार्ग का उपयोग कर सकता है।

    बता दें कि जनवरी में अपने उद्घाटन भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप दोहराया कि पनामा ने 1999 में नहर के अंतिम हस्तांतरण के लिए किए गए वादों को तोड़ दिया है।

    नहर की सुरक्षा के लिए बनी है संधि

    उल्लेखनीय है कि किसी विदेशी शक्ति द्वारा नहर को बलपूर्वक लेने का कोई भी कदम अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा। अमेरिका और पनामा नहर की तटस्थता के लिए किसी भी खतरे के खिलाफ नहर की रक्षा करने के लिए संधि-बद्ध हैं।

    बता दें कि अमेरिका ने 20वीं सदी की शुरुआत में नहर के निर्माण और संचालन के अधिकार हासिल किए। डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जिमी कार्टर के प्रशासन के दौरान 1979 में हस्ताक्षरित एक संधि के अनुसार अमेरिका ने 1999 के अंत में नहर का नियंत्रण पनामा को सौंपने पर सहमति व्यक्त की थी।

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