कौन हैं प्राइवेट सैन्य कंपनी चलाने वाले एरिक प्रिंस? अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन में कर सकते हैं ट्रंप की मदद
प्राइवेट सैन्य बल की स्थापना करने वाले एरिक प्रिंस और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फिर से नजदीकियां बढ़ने के संकेत मिले हैं। एरिक ने अमेरिकी अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि किस प्रकार उनकी निजी सुरक्षा कंपनियां लाखों अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने में ट्रंप प्रशासन की मदद कर सकती हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर ट्रंप प्रशासन ने अभी कुछ नहीं कहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके पुराने सहयोगी एरिक प्रिंस (Erik Prince) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एक निजी सैन्य कंपनी ब्लैकवाटर के संस्थापक, एरिक ने जनवरी में अमेरिकी अधिकारियों की एक बैठक बुलाई, जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि किस प्रकार उनकी निजी सुरक्षा कंपनियां लाखों अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने में ट्रंप प्रशासन की मदद कर सकती है।
बैठक में आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रवासियों को दूसरे देश में हिरासत में भेजने का विचार किया। हालांकि, अवैध प्रवासी अपने मूल देश में जाने के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे।
अवैध प्रवासियों को अल सल्वाडोर भोजने की बनाई गई योजना
ट्रंप की जीत के बाद प्रिंस ने अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले के साथ बातचीत की। ट्रंप के अधिकारियों ने अवैध प्रवासियों को अल सल्वाडोर भेजने के मुद्दे पर राष्ट्रपति बुकेले के साथ बातचीत भी की।
इसके बाद अल सल्वाडोर ने अमेरिका के हिंसक अपराधियों को रखने और किसी भी राष्ट्रीयता के निर्वासित लोगों को स्वीकार करने पर सहमति जताई है। ट्रंप प्रशासन के साथ हुआ यह समझौता आलोचकों और मानवाधिकार संगठनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने घोषणा की कि हमारे देश के प्रति असाधारण मित्रता के रूप में अल सल्वाडोर ने दुनिया में सबसे असाधारण और अभूतपूर्व इमीग्रेशन समझौते को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि यह देश अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों को वापस लेता रहेगा।
ट्रंप प्रशासन और अल सल्वाडोर सरकार के बीच प्रवासियों को लेकर इस समझौते के पीछे एरिक प्रिंस ने एक अहम भूमिका निभाई है।
प्राइवेट सैन्य बल के मालिक हैं एरिक प्रिंस
बता दें कि ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान निजी सैन्य बल खड़ा करने के मामले पर एरिक की काफी आलोचना हुई थी। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों ने एरिक प्रिंस के कामकाज की जांच भी शुरू कर दी। हालांकि, ट्रंप के फिर से सत्ता में आने के बाद एरिक प्रिंस पर जांच एजेंसी का शिकंजा ढीला पड़ गया।
प्राइवेट सैनिकों ने इराक में नागरिकों पर चलाई थी गोली
प्रिंस को पहली बार इराक युद्ध के दौरान प्रसिद्धि मिली, जब उनकी निजी ठेकेदारी फर्म ब्लैकवाटर ने 2007 में कई इरानकी नागरिकों की जान ले ली थी। एरिक प्रिंस के नजदीकियों का कहना है कि वो अमेरिकी सरकार के साथ हर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर खुद को जोड़ने का प्रयास करते हैं। पिछले कुछ दिनों से ट्रंप अधिकारियों के समक्ष प्रिंस ने यमन में हौथी विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाने में मदद के लिए निजी सैन्य ठेकेदारों का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, प्रिंस के प्रस्ताव को अमेरिकी सरकार ने ठंडे बस्ते में रख दिया है।
भाड़े के सैनिक देश के लिए खतरा: जेसन पी. हाउस
बाइडन प्रशासन के दौरान ICE के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जेसन पी. हाउसर ने कहा कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी भाड़े के सैनिकों के हाथों में देना न सिर्फ खराब नीति है, बल्कि देश के लिए खतरनाक है। अभी तक ट्रंप ने खुलकर कभी भई एरिक प्रिंस का समर्थन नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रिंस के सबसे करीबी सहयोगियों में रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड शामिल हैं।
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