'72 घंटों के अंदर हो सभी बंधकों की रिहाई', हमास से युद्ध खत्म करने को लेकर नेतन्याहू ने रखीं कौन-कौन सी शर्तें?
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में युद्धविराम के लिए हमास को हथियारविहीन करने और बंधकों की रिहाई की शर्त रखी है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता के बाद नेतन्याहू ने ये बातें कहीं। ट्रंप ने इजरायल को अमेरिका का समर्थन जारी रखने का वादा किया है। नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री से दोहा पर हवाई हमले के लिए माफी मांगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में युद्धविराम के लिए 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों की रिहाई, हमास को हथियारविहीन करने और गाजा को पूरी तरह से असैन्यीकृत करने की शर्त रखी है। नेतन्याहू ने ये शर्तें सोमवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता के बाद रखी हैं।
नेतन्याहू ने ट्रंप को इजरायल का सबसे बड़ा मित्र बताया है। ट्रंप ने भी इजरायल को अमेरिका का समर्थन बरकरार रखने की वादा किया है। वार्ता के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री ने ट्रंप के कहने पर कतर के अपने समकक्ष से दोहा पर हवाई हमले के लिए माफी मांगी है। इससे पहले ट्रंप ने नेतन्याहू के समक्ष 20 बिंदुओं वाला मध्य-पूर्व (पश्चिम एशिया) में शांति की योजना रखी। इसमें गाजा में युद्धविराम, वहां से इजरायली सैनिकों की वापसी और वेस्ट बैंक पर इजरायली कब्जे को न बढ़ाने वाले बिंदु हैं।
हमास से लड़ाई में ट्रंप इजरायल के साथ
वार्ता में ट्रंप ने साफ कहा कि हमास से लड़ाई में वह इजरायल के साथ हैं। युद्ध खत्म होने के बाद हमास को गाजा की सत्ता से दूर रखा जाएगा। इसे लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए इजरायल और अमेरिका के हमले का भी जिक्र किया। कहा, इससे पूरे विश्व की सुरक्षा में बढ़ोतरी हुई है। इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता कर रहे मिस्त्र को ट्रंप प्रशासन ने 20 बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव सौंप दिया है। उसी के जरिये यह हमास तक पहुंचेगा।
हमास को नहीं मिला अमेरिका का शांति प्रस्ताव
ट्रंप-नेतन्याहू वार्ता से पहले ही इजरायल ने साफ कर दिया था कि गाजा में सभी बंधकों की रिहाई और हमास के हथियार डालने पर ही वह लड़ाई रोकेगा। जबकि हमास ने कहा है कि स्थायी युद्धविराम की शर्त पर वह बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है लेकिन लड़ाके हथियार नहीं डालेंगे। स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना तक वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। हमास ने कहा है कि अमेरिका का शांति प्रस्ताव अभी तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है।
व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री से की बात
नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-थानी को फोन कर नौ सितंबर को दोहा में हमास नेताओं पर हवाई हमले के लिए खेद जताया। इजरायली हमले में छह लोग मारे गए थे। नेतन्याहू सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए व्हाइट हाउस गए थे वहीं पर उन्होंने ट्रंप के कहने पर कतरी प्रधानमंत्री को फोन किया। जिस समय दोनों नेताओं की फोन पर वार्ता चल रही थी उस समय कतर की टेक्निकल टीम भी व्हाइट हाउस में थी।
(न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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