'चीन सबसे शक्तिशाली देश बनने जा रहा, इससे निपटना होगा', अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा- ड्रैगन हमारे लिए गंभीर खतरा
अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपने देश के राष्ट्रीय हितों के लिए लिए चीन को गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का इतिहास मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच होने वाली घटनाओं पर आधारित होगा। बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद विदेश मंत्री के रूप में रूबियो के नाम की पुष्टि हुई थी।
पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपने देश के राष्ट्रीय हितों के लिए लिए चीन को गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का इतिहास मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच होने वाली घटनाओं पर आधारित होगा। बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद विदेश मंत्री के रूप में रूबियो के नाम की पुष्टि हुई थी।
चीनी विदेश मंत्री के साथ तल्खी भरी बातचीत
मार्को रूबियो ने अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से फोन पर पहली बार बातचीत की थी। इस दौरान दोनों के बीच तल्खी दिखी थी। बातचीत के दौरान वांग ने रूबियो को सलीके से पेश आने की हिदायत दी थी।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने गुरुवार को मेगन केली शो कहा, 'चीन दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता है और वे ऐसा हमारी कीमत पर करना चाहते हैं। यह हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं है और हम इस पर ध्यान देने जा रहे हैं। हम इस पर युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन हम इस पर गौर करने जा रहे हैं।
अमेरिका को निपटना होगा
उन्होंने कहा कि चीन के मामले में दो बातें हैं। एक तो वे हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं और दूसरी बात यह है कि वे एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बनने जा रहा है।' उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को इससे निपटना होगा।
अमेरिका की दशकों पुरानी नीति की आलोचना
रूबियो ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया और अमेरिका की दशकों पुरानी नीतियों की आलोचना की, जिसके तहत चीन को एक विकासशील देश माना गया। उसे अनुचित व्यापार और प्रौद्योगिकी प्रथाओं का फायदा उठाने दिया गया कि वह अमेरिकी मूल्यों को अपना लेगा।
चीन दो बार रूबियो पर लगा चुका प्रतिबंध
उल्लेखनीय है कि रूबियो जब अमेरिकी सीनेटर थे तो उन्होंने चीन और उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड की मुखर होकर आलोचना की थी। इसके चलते चीन की सरकार ने वर्ष 2020 में दो बार उन पर प्रतिबंध लगाया था।
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