पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन, कैंसर से थे पीड़ित; 2002 में मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार (स्थानीयसमयानुसार) को 100 साल की उम्र में निधन हो गया। वह 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं। काफी लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 2002 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने।

रॉयटर्स, वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर (Jimmy Carter) का रविवार (स्थानीय समयानुसार) को 100 साल की उम्र में निधन हो गया। वो अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति थे। कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे। वो डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
वह 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं। काफी लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को हुआ था। कार्टर साल 1971 से लेकर 1975 तक जॉर्जिया के गवर्नर भी रहे थे।
2002 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के मिडिल ईस्ट रिश्तों की नींव रखी।
जॉर्जिया में ली अंतिम सांस
जॉर्जिया के छोटे से शहर प्लेन्स में उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने घर में आखिरी सांस ली। साल 2023 के नवंबर महीने में इसी घर में उनकी पत्नी रोजलिन का भी देहांत हो गया था। वो एक व्यवसायी, नौसेना अधिकारी, राजनीतिज्ञ, वार्ताकार, लेखक थे। इतना ही नहीं वो कारपेंटर का काम बखूबी जानते थे।
कल्याणकारी काम करने के लिए जाने जाते रहे कार्टर
राष्ट्रपति का पद छोड़ने के एक साल बाद उन्होंने 'कार्टर सेंटर' नाम के एक चैरिटी की स्थापना की थी। इस चैरिटी ने चुनावों में पारदर्शिता लाने, मानवाधिकारों का समर्थन करने, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने जैसी महत्व भूमिका निभआई।
बता दें कि पिछले कई सालों से चार्टर का स्वास्थ्य उनका साथ नहीं दे रहा था। कार्टर को 2016 में चौथे स्टेज का कैंसर हो गया था। हालांकि, कैंसर होने के बावजूद वो मानवता के कार्यों में जुटे रहे।
मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया: जो बाइडन
जिमीकार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा,"यह एक दुखद दिन है, आज, अमेरिका और दुनिया ने एक उल्लेखनीय नेता खो दिया है। वह एक राजनेता और मानवतावादी थे। वहीं, मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है। मैं 50 से अधिक वर्षों से जिमीकार्टर के साथ घूम रहा हूं। उन वर्षों में मैंने उनसे अनगिनत बातचीत की। उन्होंने नागरिक अधिकारों, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाया और दुनिया भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा दिया।"
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