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संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा- जीरो टालरेंस नीति से पराजित हो सकता है आतंकवाद

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा प्रोत्साहन देने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि अभी तक वैश्विक चुनौती साबित हो रहे आतंकवाद को केवल एकजुट और जीरो-टालरेंस नीति से ही पराजित किया जा सकता है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 06 Dec 2022 11:44 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 11:44 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा- जीरो टालरेंस नीति से पराजित हो सकता है आतंकवाद
प्रोत्साहन देने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठाना जरूरी: रुचिरा कंबोज

न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इराक पर बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि अभी तक वैश्विक चुनौती साबित हो रहे आतंकवाद को केवल एकजुट और जीरो-टालरेंस नीति से ही पराजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठाए जाएं तभी इससे मुक्ति मिल सकेगी। कंबोज ने कहा, 'अपने सभी रूपों और तरीके से आतंकवाद अभी तक वैश्विक चुनौती बना हुआ है।

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वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से संघर्ष

इसे केवल एकजुट और जीरो-टालरेंस नीति से ही पराजित किया जा सकता है। इराक की सरकार इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड लेवांत (आइएसआइएल) के विरुद्ध संघर्ष में जुटी है। वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से संघर्ष के लिए भी यह महत्वपूर्ण है।'संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत ने 26/11 पर भी बात की।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा

रुचिरा कंबोज ने कहा, 'भारत का मानना है कि जब हम आतंकवादियों के गंभीर और अमानवीय कारनामों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे और आतंकवाद को प्रोत्साहन देने एवं वित्त पोषण करने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठाएंगे तभी आतंकवाद के विरुद्ध सामूहिक संघर्ष की विश्वसनीयता मजबूत हो सकेगी।'

चार राजनयिकों, अमेरिकी सांसद को 2022 दीवाली

पावर आफ वन अवार्डशांतिपूर्ण एवं सुरक्षित विश्व के लक्ष्य को लेकर काम करने और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए चार अनुभवी राजनयिकों और अमेरिका के एक सांसद को इस वर्ष का वार्षिक 'दीवाली-पावर आफ वन' अवार्ड प्रदान किया गया।

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'कूटनीति का आस्कर' कहा जाने वाला यह पुरस्कार सामान्य तौर पर पूर्व स्थायी प्रतिनिधियों या संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के पूर्व उच्चाधिकारियों या सदस्य देशों या निवर्तमान अधिकारियों, राजनयिकों को दिया जाता है। यह ऐसे राजनयिकों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने 'सभी के लिए विश्व को और बेहतर, शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित बनाने की दिशा में नि:स्वार्थ रूप से प्रयास किया है।'

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