'सिस्टम टूटा हुआ है', ट्रंप के H-1B वीजा पर मस्क का बदला-बदला रुख, पोस्ट हो रहा वायरल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस 1 लाख डॉलर कर दी है जिसका असर भारतीय पेशेवरों और टेक कंपनियों पर पड़ेगा। एलन मस्क जो पहले H-1B वीजा के समर्थक थे ने इस सिस्टम को टूटा हुआ बताते हुए इसमें बदलाव की मांग की है। ट्रंप प्रशासन ने ट्रंप गोल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम का भी एलान किया है जो मौजूदा रोजगार आधारित वीजा को बदल देगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को H-1B वीजा की फीस 1 लाख डॉलर कर दी है। यह कदम अमेरिकी वर्कफोर्स को प्राथमिकता देने के नाम पर उठाया गया है, लेकिन इससे भारतीय पेशेवरों और टेक कंपनियों पर गहरा असर पड़ सकता है।
इस बीच टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क का H-1B वीजा को लेकर पुराना बयान और फिर बदला हुआ रुख सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मस्क खुद साउथ अफ्रीका से हैं और वीजा सिस्टम की वजह से अमेरिका में रह पाए, वे पहले H-1B वीजा के बड़े समर्थकों में गिने जाते थे।
मस्क का अदला-बदला बयान
उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनियां टेस्ला और स्पेसएक्स में काम करने वाले कई क्रिटिकल लोग इसी वीजा से आए हैं। उन्होंने 28 दिसंबर को एक्स पर लिखा था, मैं अमेरिका में हूं और मेरी कंपनियों को बनाने वाले कई अहम लोग यहां हैं, सिर्फ H-1B की वजह से हैं। अगर इसे रोका गया तो मैं इस मसले पर जंग छेड़ दूंगा।
हालांकि, कुछ ही घंटों में उन्होंने कहा कि H-1B सिस्टम टूटा हुआ है और इसमें बड़े बदलाव की जरूरत है। मस्क ने सुझाव दिया था कि वीजा रखने वालों की न्यूनतम सैलरी बढ़ाई जाए और कंपनियों के लिए इसे बनाए रखना और महंगा किया जाए, ताकि घरेलू कर्मचारियों को प्राथमिकता मिले।
ट्रंप का गोल्ड कार्ड प्रोग्राम
ट्रंप प्रशासन ने नए गोल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम का भी एलान किया है। इसमें 'ट्रंप गोल्ड कार्ड', 'ट्रंप प्लेटिनम कार्ड' और 'ट्रंप कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड' जैसी श्रेणियां होंगी। ये कार्ड प्रेफेसर, वैज्ञानिक, कलाकार और एथलीट जैसे लोगों के लिए मौजूदा रोजगार आधारिक वीजा को बदल देंगे।
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