Move to Jagran APP

संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर दुनिया के रुख में आया बदलाव, जयशंकर बोले- वर्तमान ध्रुवीय विश्व में भारत की अधिक अहमियत

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि मौजूदा ध्रुवीय विश्व में भारत की अहमियत बढ़ी है। अब भारत को व्यापक तौर पर दक्षिण विश्व की आवाज माना जाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय के रुख में संयुक्त राष्ट्र सुधारों के मुद्दे पर बदलाव आया है।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghPublished: Mon, 26 Sep 2022 12:12 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 12:47 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर दुनिया के रुख में आया बदलाव, जयशंकर बोले- वर्तमान ध्रुवीय विश्व में भारत की अधिक अहमियत
एस. जयशंकर ने कहा है कि वैश्विक समुदाय के रुख में संयुक्त राष्ट्र सुधारों के मुद्दे पर बदलाव आया है।

न्यूयार्क, एजेंसी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि वैश्विक समुदाय के रुख में संयुक्त राष्ट्र सुधारों के मुद्दे पर बदलाव आया है और वर्तमान ध्रुवीय विश्व में भारत की कहीं अधिक अहमियत है। अब देश को व्यापक तौर पर दक्षिण विश्व की आवाज माना जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा कई विकासशील देशों की आवाज उठाता रहा है और उनकी समस्याओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करने के बाद जयशंकर की अमेरिका यात्रा का न्यूयार्क का चरण पूरा हो गया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न देशों के अपने सौ से अधिक समकक्षों से मुलाकात की और कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया।

loksabha election banner

संयुक्त राष्ट्र सुधारों के मुद्दे पर आ रहा बदलाव

दूसरे चरण की यात्रा के लिए वाशिंगटन रवाना होने से पहले भारतीय पत्रकारों से बातचीत में विदेश मंत्री ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुधार के संबंध में आप प्रत्येक महासभा (सत्र) में उस मुद्दे पर फिर से विचार करते हैं, लेकिन इस बार कुछ बदल गया है। आप इसे देख सकते हैं, आप इसे समझ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल मैंने संयुक्त राष्ट्र सुधारों के मुद्दे पर बदलाव महसूस किया है। मुझे लगता है कि हर किसी ने एक बदलाव महसूस किया और यह कुछ ऐसा है जो वास्तव में दूसरे मेरे पास लाए हैं।'

सर्गेई लावरोव के संबोधन का जिक्र

इस संदर्भ में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के संबोधन का जिक्र किया। विदेश मंत्री ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र की यह महासभा दुनिया की स्थिति को दर्शाती है, जो इस समय ध्रुवीय है। एक तरह से दुनिया की स्थिति वास्तव में जो बताती है, वह यह है कि भारत अधिक मायने रखता है। हम एक पुल हैं, हम एक आवाज हैं, हम एक दृष्टिकोण हैं, हम एक चैनल हैं।'

भारत की स्‍वीकार्यता बढ़ी

उन्होंने कहा कि जब सामान्य कूटनीति उतनी अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है, भारत के कई रिश्ते हैं जैसे विभिन्न देशों और क्षेत्रों के साथ संवाद करने और संपर्क बिंदु खोजने की क्षमता। भारत को आज दक्षिण विश्व की आवाज के रूप में बेहद व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।'

दुनिया की आर्थिकी में इस समय बड़ा संकट

विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की आर्थिकी में इस समय बड़ा संकट है जहां खाद्य व ईंधन की कीमतों, उर्वरक के बारे में चिंता और कर्ज की स्थिति ने कई देशों के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है। इन मुद्दों पर सुनवाई नहीं होने से काफी मायूसी है। उनकी आवाज उठाई नहीं जा रही है। अगर कोई है जो बोल रहा है और इन भावनाओं को आवाज दे रहा है, तो यह भारत है।

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत ने दिखाई राह

उन्होंने कहा कि भारत का यह रुतबा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व, उनकी छवि और वैश्विक मंचों पर उनके किए गए कार्यों की वजह से है। कई लोगों ने उनसे काप-26 और हालिया क्षेत्रीय बैठकों में प्रधानमंत्री की भूमिका के बारे में बात की। जयशंकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत ने जिस तरह का नेतृत्व प्रदर्शित किया है, उसका सकारात्मक रूप से उल्लेख किया गया क्योंकि भारत ने सिर्फ कहा ही नहीं बल्कि करके दिखाया है।

आतंकवाद पर चोट

पाकिस्तान स्थित आतंकियों पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि किसी भी प्रक्रिया में यदि कोई पक्ष निर्णय ले रहा है तो उन्हें इसके बारे में पारदर्शी होने की जरूरत है। इसलिए बिना कोई कारण बताए किसी चीज को अवरुद्ध करने का विचार, एक तरह से सामान्य बोध के लिए चुनौती है।' मालूम हो कि चीन लगातार भारत की ऐसी कोशिशों को अवरुद्ध करता रहा है।

यूएन महासचिव से मुलाकात

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन व म्यांमार के हालात, संयुक्त राष्ट्र में सुधार, जी-20, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली और विकास के लिए आंकड़ों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

भारत की वैक्सीन मैत्री की सराहना

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने 'इंडिया एट 75' और 'संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत की अनूठी भागीदारी' पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों और दक्षिण विश्व के नेताओं ने भारत की सराहना की। 90 मिनट की चर्चा में जमैका के विदेश मंत्री ने वैक्सीन मैत्री के लिए भारत की प्रशंसा की। वहीं, गुयाना के विदेश मंत्री ने कहा, 'क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह ऐसा देश है जिसे अपने 130 करोड़ नागरिकों की देखभाल करनी थी और फिर भी इसने दुनिया की मदद करने का समय निकाल लिया।' 

यह भी पढ़ें- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन और पाक को लिया आड़े हाथ, संबोधन की बड़ी बातें...

यह भी पढ़ें- केवल एक लाइन का 'सबक' देकर पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बने पीएम मोदी, अब 'शांतिदूत' की भूमिका निभाने की मांग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.