Donald Trump: चीन, कनाडा और मैक्सिको पर तुरंत टैरिफ नहीं लगाएंगे ट्रंप, आज जारी करेंगे जांच का आदेश
डोनाल्ड ट्रंप चीन कनाडा और मैक्सिको पर सीधे टैरिफ नहीं लगाएंगे। बल्कि व्यापक व्यापार ज्ञापन के माध्यम से सबसे पहले व्यापार घाटे की जांच करवाएंगे। संघीय एजेंसियां व्यापार घाटे की निगरानी करेंगी। डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में भी ऐसा ही कर चुके हैं। तब उन्होंने स्टील एल्युमीनियम और चीनी आयात की जांच करवाई थी। हालांकि यह जांच महीनों तक जारी रही।

रॉयटर्स, वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप सोमवार यानी आज एक व्यापक व्यापार ज्ञापन जारी करेंगे। इसके तहत अमेरिका की संघीय एजेंसियां चीन, कनाडा और मैक्सिको के साथ व्यापारिक संबंधों का मूल्यांकन करेंगी। ट्रंप के एक अधिकारी ने कहा कि यह एक अप्रत्याशित घटनाक्रम है। इससे डॉलर में गिरावट और वैश्विक शेयरों में तेजी आई है।
अमेरिका में वैश्विक आयात पर 10 से 20 फीसदी और चीन से आने वाले सामानों पर 60 फीसदी का भारी शुल्क लगाने की धमकी दी है। ट्रंप टैरिफ के माध्यम से अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश में है। अमेरिका का व्यापार घाटा सालाना एक ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है।
25 फीसदी टैरिफ की दी धमकी
चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने कहा था कि शपथ ग्रहण के बाद पहले दिन ही वे कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी तक टैरिफ लगाने का आदेश जारी करेंगे। अगर दोनों देश अवैध प्रवासी और ड्रग्स की तस्करी को रोकने में सफल नहीं हुए थे। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे शुल्क लंबे समय से चले आ रहे व्यापार समझौतों को तोड़ देंगे।
टैरिफ की नहीं होगी घोषणा
अधिकारी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि नए राष्ट्रपति एजेंसियों को लगातार व्यापार घाटे की जांच करने और उसे ठीक करने व अन्य देशों द्वारा अनुचित व्यापार और मुद्रा नीतियों को संबोधित करने का निर्देश देंगे। अधिकारी ने कहा कि ज्ञापन में चीन, कनाडा और मैक्सिको को जांच के लिए चुना जाएगा। मगर नए टैरिफ की घोषणा नहीं की जाएगी।
मार्टिन लूथर किंग दिवस की छुट्टी के कारण अमेरिकी वित्तीय बाजार बंद हैं। वाशिंगटन में हाल के सप्ताहों में उद्योग समूहों के बीच इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि ट्रंप तत्काल कौन से टैरिफ लगा सकते हैं, इसमें अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम के माध्यम से टैरिफ लगाना भी शामिल है।
व्यापार ज्ञापन के तहत धारा 232 राष्ट्रीय सुरक्षा व्यापार कानून और धारा 301 अनुचित व्यापार व्यवहार कानून के तहत जांच होगी। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान इन कानूनों को लागू किया था। इसमें स्टील, एल्युमीनियम और चीनी आयात की जांच की गई थी। हालांकि इस जांच में महीनों का समय लगा था।
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