अमेरिकी विमान दुर्घटना: तबाही के इंतजार में था वाशिंगटन डीसी एयरस्पेस, क्यों हर वक्त रहता है खतरा?
अमेरिका की राजधानी में गुरुवार को एक हवाई हादसा हुआ। यहां पर अमेरिकन एयरलाइंस का विमान सैन्य हेलीकाप्टर से टकरा गया और 67 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के पीछे के कारणों का अभी नहीं पता चल सका है। इस बीच कुछ जानकारों का दावा है कि वाशिंगटन डीसी का एयरस्पेस काफी व्यस्त और मुश्किल है। यहां पर कई पायलटों को भी विमान उतारने में परेशानी होती है।
जेएनएन, नई दिल्ली। अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी का एयरस्पेस काफी व्यस्त और मुश्किल है। कई विमानन विशेषज्ञ पहले ही इसके चलते तबाही की चिंता जता चुके थे। गुरुवार को यह डर सही साबित हुआ जब अमेरिकन एयरलाइंस का विमान सैन्य हेलीकाप्टर से टकरा गया और 67 लोगों की मौत हो गई। मई 2024 में भी यहां पर नजदीक आए विमान टकराने से बचे थे।
विशेषज्ञों के अनुसार चरम स्थितियों में भी रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास का एयरस्पेस अनुभवी पायलटों को चुनौती दे सकता है। यहां सैकड़ों अन्य यात्री विमानों, सैन्य विमानों और संवेदनशील स्थानों के प्रतिबंधित क्षेत्रों के बीच उड़ान भरनी होती है।
यूनाइटेड एयरलाइंस के सेवानिवृत्त कैप्टन रास एमर कहते हैं कि यह आपदा होने का इंतजार कर रही थी। कई विशेषज्ञ लंबे समय से चिल्ला रहे थे कि ऐसा कुछ हो सकता है क्योंकि हमारे सिस्टम चरम सीमाओं तक फैल चुके हैं।
अमेरिकी वायुसेना के पूर्व नेविगेटर ने क्या कहा?
अमेरिकी वायुसेना के पूर्व नेविगेटर जिम ब्रौचले कहते हैं कि यहां अगर हर व्यक्ति ठीक वैसे ही काम करे, जैसे होना चाहिए, तब भी आपको उतरते विमान और मार्ग में कई हेलीकाप्टरों के बीच कुछ सौ फीट का ही अंतर मिलता है। लंबे वक्त से इसके पास व्यावसायिक विमानों और सैन्य हेलीकाप्टरों के रास्ते में आने से जुड़े डरावने परि²श्यों की चेतावनी दी जा रही थी। विशेषकर रात में शहर और पुल पर कारों की तेज रोशनी सामने से आने वाले विमानों को देखने में परेशान करती है।
राजधानी के सबसे करीब होने के चलते रीगन हवाई अड्डा का मुख्य रनवे अमेरिका का सबसे व्यस्त रनवे है और यहां पर रोजाना 800 विमान उड़ते-उतरते हैं। इसके अन्य रनवे की लंबाई छोटे होने के चलते 90 प्रतिशत विमान मुख्य रनवे का प्रयोग करते हैं। वर्ष 2000 के बाद से अब तक यहां नौ घटनाओं की जांच की जा चुकी है, जिनमें से दो में लोगों की मौत हुई।
एक दशक पहले बचा था ऐसा ही हादसा
- यूएस आर्मी नेशनल गार्ड के सेवानिवृत्त पायलट डैरेल फेल्लर ने कहा कि करीब एक दशक पहले सैन्य हेलीकाप्टर उड़ाते वक्त एटीसी ने पूछा कि क्या उन्हें रनवे 3-3 पर आता विमान दिखा, लेकिन शहर-कारों की रोशनी में सामने से आता विमान नहीं दिखा। उन्होंने हेलीकाप्टर को तुरंत नीचे किया और पोटोमैक नदी से 50 फीट ऊंचाई पर उड़े।
- विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुवार को भी ऐसा हुआ, लेकिन दुर्घटना घट गई। डीसी नेशनल गार्ड में पायलटों के प्रशिक्षण रहे फेलर इस तरह के हादसों से बचने के लिए नए पालयटों को कई नियम बता चुके हैं। इनमें अनिवार्य 200 फीट की ऊंचाई से नीचे बने रहने के अलावा रनवे 3-3 पर उतरते विमानों से सुरक्षित रहने की चेतावनी भी है।
- इन विमानों की लैंडिंग लाइट्स सीधे आपकी तरफ नहीं आती क्योंकि ये शहर से आ रही रोशनी में मिल जाती है। आखिरी में बदला था रास्तागुरुवार को जब अमेरिकन एयरलाइंस का विमान हवाई अड्डे के पास पहुंचा, एटीसी ने पायलट से पूछा कि क्या वो लंबे और व्यस्त उत्तर-दक्षिण रनवे के बजाय रनवे 3-3 पर उतर सकते हैं।
- पायलटों ने हामी भरने के बाद पोटोमैक नदी के पूर्वी तट पर अपना रास्ता बदला और नदी से रनवे 3-3 की तरफ जहाज मोड़ा। दुर्घटना के 30 सेकेंड पहले एटीसी ने हेलीकाप्टर से विमान दिखने की बात सुनिश्चित करने के बाद हेलीकाप्टर को उसके पीछे से निकालने के लिए कहा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और दोनों विमान हवा में टकराने के बाद आग का गोला बन गए।
200 फीट से ऊपर उड़ रहा था हेलीकाप्टर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि ब्लैक हाक हेलीकाप्टर काफी ऊंचाई पर उड़ रहा था। यह 200 फीट की सीमा से कहीं ऊंचाई पर था। इसे समझना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है। एटीसी में थी कर्मचारियों की कमी एपी को मिली फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) की रिपोर्ट के अनुसार हादसे के समय विमानों के उड़ने-उतरने और हेलीकाप्टर के यातायात के बीच समन्वय के लिए एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर जिम्मेदारी संभाल रहा था।
आमतौर पर यह काम दो व्यक्ति संभालते हैं, लेकिन जब यातायात कम हो जाता है तब हवाई अड्डा रात 9.30 बजे इसे एक के जिम्मे कर देता है। बुधवार को टावर सुपरवाइजर ने इसे समय से पहले कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, निर्धारित समय और यातायात के लिहाज से यह (दो का काम एक को) सामान्य नहीं था। वैसे एफएए एटीसी की कमी से जूझ रहा हैं और देश में 3000 कर्मियों की कमी बताई गई है।
पीएम मोदी का संदेश
इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते एक्स पोस्ट में लिखा कि वाशिंगटन डीसी में दुखद हादसे में लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं। हम संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चला
अमेरिकी सेना और रक्षा मंत्रालय ने भी हादसे की जांच शुरू कर दी है। वैसे तो विमान हादसे की जांच कुछ महीने लेती है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसकी प्राथमिक जांच रिपोर्ट 30 दिन में आ जाएगी। अभी तक हादसे के कारणों का पता नहीं चल सका है और प्रशासन द्वारा मृतकों के नामों की सूची भी नहीं जारी की गई है। मृतकों में भारतीय प्रवासी की बेटी असरा हुसैन रजा (26) के अलावा रूस के चार व्यक्ति भी शामिल है।
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