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    अमेरिका ने 10 साल में 20 लाख लोगों को दिखाया बाहर का रास्ता, जानिए कितने भारतीयों पर खतरा

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 06:05 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेते ही कई बड़े फैसले किए। पहले अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अवैध तरीके से अमेरिका में रहने वालों को निकाला जाएगा। सबसे चिंता वाली बात है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए तैयार है।

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    अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है। (फोटो- रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप एक बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। इस बीच उन्होंने सबसे पहले अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद कार्रवाई को शुरू कर दिया गया है।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इतिहास का सबसे बड़ा सामूहिक निर्वासन अभियान को शुरू कर दिया है। अमेरिका में अवैध प्रवासियों में भारतीयों की संख्या भी काफी ज्यादा है।

    एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में अवैध प्रवासियों में मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद भारतीय तीसरे स्थान पर हैं। सबसे चिंता वाली बात है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए तैयार है।

    हर साल दो लाख लोगों को किया जाता है निर्वासित

    अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है। पहले भी ये होता रहा है। एक अनुमान के अनुसार अमेरिका ने 2013-14 से हर साल औसतन 2 लाख से ज़्यादा लोगों को निर्वासित किया है। जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति हुआ करते थे तो उनके दूसरे कार्यकाल के चार वर्षों में 10 लाख से अधिक लोगों को निर्वासित किया गया।

    ठीक इसी तरीके से डोनाल्ड ट्रंप (1.0) के शासन के दौरान भी बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया गया। ट्रंप के पहले कार्यकाल में 7.7 लाख लोगों को अमेरिका के निर्वासित किया गया था। इसके अलावा जो बाइडन के कार्यकाल में करीब 4.9 लाख लोगों को निर्वासित किया गया। गौर करने वाली बात यह भी है कि कोविड के दौरान निर्वासन में काफ़ी गिरावट देखी गई।

    पिछले दशक में जिन शीर्ष 10 देशों के नागरिकों को निर्वासित किया गया, वे सभी अमेरिका में स्थित हैं। निर्वासित किए जाने वाले शीर्ष राष्ट्रीयताओं में भारतीय शामिल नहीं हैं, लेकिन पड़ोस की सूची में सबसे ऊपर हैं।

    यहां जानिए अन्य आंकड़े

    न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने अमेरिकी सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि केवल साल 2023 में करीब 90,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया, जो अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

    गौर करने वाली बात है कि अमेरिका से भारत में निर्वासन की बात कोई नई नहीं है। साल 2023 में एक हजार से अधिक भारतीयों को वापस भेजा गया था। इस बीच भारत सरकार वर्तमान में अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने के लिए ट्रंप प्रशासन के साथ काम कर रही है।

    डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेते ही किया एलान

    अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध निर्वासन को लेकर बड़ा फैसला लिया। 22 जनवरी 2025 को ट्रंप ने एक आदेश पर साइन किए। इस आदेश के अनुसार दक्षिणी सीमा के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका पर आक्रमण करने वाले विदेशियों के भौतिक प्रवेश नहीं हो सकेगा।

    इस आदेश में डोनाल्ड ट्रंप के 2028 के कथन का हवाला दिया गया था। जिसमें ट्रंप ने कहा कि अवैध आव्रजन सभी अमेरिकियों के जीवन को प्रभावित करता है। इसकी वजह से अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान होता है। अमेरिकी करदाताओं पर बोझ बढ़ता है।

    कितने भारतीय अप्रवासियों की पहचान?

    अमेरिका में भारतीय अवैध अप्रवासियों की संख्या भी काफी ज्यादा है। अगर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर नजर डालें तो करीब 18,000 भारतीय अवैध अप्रवासियों की पहचान की गई है। ये पहचान दोनों देशों ने मिलकर की है। हालांकि, अनुमान है कि ये संख्या और भी अधिक हो सकती है। वास्तविक अवैध अप्रावासियों की संख्या की जानकारी किसी के पास नहीं है।

    भारत ने क्या कहा?

    उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर कहा गया कि अगर अवैध प्रवासियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि हो जाती है तो भारत उन्हें वापस ले लेगा। नई दिल्ली अवैध आव्रजन के खिलाफ है 'क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है।

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