Matua Community: कौन होगा मतुआ महासंघ प्रमुख? केंद्रीय मंत्री ने खटखटाया कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा
मतुआ महासंघ का प्रमुख कौन होगा इसे लेकर केंद्रीय मंत्री व मतुआ नेता शांतनु ठाकुर ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने उन्हें याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। मामले की सुनवाई अगले बुधवार को होने की संभावना है। महासंघ प्रमुख पद को लेकर शांतनु ठाकुर का अपनी चाची ममता बाला ठाकुर के बीच विवाद लंबे समय से चला आ रहा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकताा। मतुआ महासंघ का प्रमुख कौन होगा इसे लेकर केंद्रीय मंत्री व मतुआ नेता शांतनु ठाकुर ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने उन्हें याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। मामले की सुनवाई अगले बुधवार को होने की संभावना है।
अपनी ही चाची के साथ चल रहा विवाद
महासंघ प्रमुख पद को लेकर शांतनु ठाकुर का अपनी चाची ममता बाला ठाकुर के बीच विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। शांतनु बनगांव लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं और ममताबाला तृणमूल के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य हैं।
बैंक खातों को पुलिस ने अवैध तरीके से किया सील
शांतनु ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मतुआ समुदाय के बैंक खातों को 'अवैध' तरीके से सील कर दिया है। इसके बाद केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री ने हाई कोर्ट में मामला दायर करने की अनुमति देने के लिए अनुरोध किया। उनके वकील के मुताबिक, ममताबाला ने सत्ता हस्तांतरण को लेकर उनके मुवक्किल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उस मामले को कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा।
ममताबाला ने दर्ज कराई थी शिकायत
कुछ दिन पहले, ममता बाला ने आरोप लगाया था कि शांतनु ने एक निजी बैंक में अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के नाम पर एक खाते में भारी रकम जमा की थी। वह कार्ड बनाकर सीएए के बारे में लोगों को गुमराह कर पैसा इकट्ठा कर रहा हैं। वह पैसा बैंक खाते में जमा किया जा रहा है। इसके बाद ममताबाला ने थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई।
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शांतनु ने आरोपों को किया खारिज
बनगांव ठाकुरबाड़ी पहले से ही राजनीतिक रूप से दो खेमों में बंटा हुआ है। देश में सीएए लागू होने के बाद विवाद बढ़ गया है। शांतनु ने जहां सीएए के समर्थन में अभियान चलाया है, वहीं, ममताबाला इसके विरोध में उतर आई हैं। ममताबाला का दावा है कि यह कानून बिना शर्त नागरिकता नहीं दे रहा है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि एक ही पंजीकरण संख्या के तहत दो संगठन चलाए जा रहे हैं। हालांकि, शांतनु ने उन सभी आरोपों से खारिज कर दिया है।
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