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West Bengal: राज्यपाल ने की एक और कार्यवाहक वीसी की नियुक्ति; ममता बनर्जी की चेतावनी के बावजूद लिया गया फैसला

बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विवाद के बीच एक और सरकारी विश्वविद्यालय में अंतरिम कुलपति नियुक्त किया है। यह घोषणा मंगलवार को शिक्षक दिवस पर एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्यपाल पर तीखे हमले किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Wed, 06 Sep 2023 04:17 PM (IST)Updated: Wed, 06 Sep 2023 04:17 PM (IST)
बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक और सरकारी विश्वविद्यालय में अंतरिम कुलपति नियुक्त किया है।(फोटो सोर्स: जागरण)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विवाद के बीच एक और सरकारी विश्वविद्यालय में अंतरिम कुलपति नियुक्त किया है। ये विश्वविद्यालय कई महीनों से नेतृत्व की कमी से जूझ रहा था। मंगलवार देर रात राजभवन ने एक बयान जारी कर नव स्थापित कन्याश्री विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति के रूप में प्रोफेसर काजल दे के नाम की घोषणा की।

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सीएम ने राज्यपाल पर राज्य की शिक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया

यह घोषणा मंगलवार को शिक्षक दिवस पर एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्यपाल पर तीखे हमले किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हुई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर राज्य की शिक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था और हाल में विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के उनके फैसले का कड़ा विरोध किया था।

सीएम ममता बनर्जी ने विश्वविद्यालयों को दी चेतावनी

ममता ने यहां तक धमकी दी थी कि अगर राज्यपाल ऐसे ही काम करना जारी रखेंगे तो वह राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि जो विश्वविद्यालय राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार काम करना जारी रखेंगे, वह उनका फंड रोक देंगी।

वहीं, राजभवन ने बयान में कहा, माननीय कुलाधिपति (राज्यपाल) ने प्रोफेसर काजल दे को कन्याश्री विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया है।काजल दे, इससे पहले बोस द्वारा नियुक्त किए जाने के बाद से मार्च से डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की अंतरिम कुलपति के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहीं थीं। वह नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी में गणित की प्रोफेसर थीं।

बता दें कि इससे पहले राज्यपाल ने रविवार रात प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय, एमएकेएयूटी और बर्द्धमान विश्वविद्यालय सहित सात विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की थी।

सीएम ममता ने जैसे को तैसा के रूप में कार्रवाई का वादा किया

इसको लेकर राज्यपाल पर हमला करते हुए ममता ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि राज्य द्वारा नियुक्त खोज समिति की अनदेखी करके राज्यपाल अपनी इच्छा के अनुसार अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुलपतियों को पांच सदस्यीय खोज समिति द्वारा सुझाए गए नामों में से चुना जाना चाहिए।

ममता ने जैसे को तैसा के रूप में कार्रवाई का वादा किया और राज्यपाल के निर्देशों का पालन करने वाले सभी विश्वविद्यालयों का फंड रोकने की धमकी दी। ममता ने कहा था, मैं भी देखती हूं कि आप इन कुलपतियों को वेतन कैसे देते हैं।


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