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WB Politics: TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनावी खर्च को लेकर भाजपा पर कसा तंज, कहा- राम राज्य महंगा है

WB Politics TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव खर्च को लेकर केंद्र में भाजपा सरकार के शासन पर कटाक्ष किया है जिसे उन्होंने बहुत महंगा मामला बताया। मोइत्रा ने एक ट्वीट के जरिए साझा किया कि भाजपा ने 2022 में पांच राज्यों के चुनावों में 340 करोड़ रुपये खर्च किए।

By Aditi ChoudharyEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 06:40 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 06:40 PM (IST)
WB Politics: TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनावी खर्च को लेकर भाजपा पर कसा तंज, कहा- राम राज्य महंगा है
WB Politics: TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनावी खर्च को लेकर भाजपा पर कसा तंज, कहा- राम राज्य महंगा है

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव खर्च को लेकर केंद्र में भाजपा सरकार के शासन पर कटाक्ष किया है, जिसे उन्होंने बहुत महंगा मामला बताया। मोइत्रा ने एक ट्वीट के जरिए साझा किया कि भाजपा ने 2022 में पांच राज्यों के चुनावों में 340 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से 221 करोड़ रुपये अकेले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर खर्च किए गए।

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मोइत्रा ने ट्विटर पर लिखा कि यह घोषित खर्च है, इससे कहीं ज्यादा तो यह कभी आधिकारिक हिसाब तक नहीं पहुंचता। राम राज्य स्पष्ट रूप से एक महंगा मामला है। महुआ ने इसी तरह भगवद गीता को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर तंज कसा है। महुआ ने ट्विटर पर कहा कि वह भगवद गीता की एक प्रति संसदीय स्थायी समिति की बैठक में ले जाएंगी, जब दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को अगली बार इसके समक्ष पेश होने के लिए बुलाया जाएगा।

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बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर से टीएमसी सांसद ने पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ को स्पष्ट रूप से आवश्यक पठन सामग्री कहा। दिलचस्प बात यह है कि महुआ मोइत्रा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कार्ति चिदंबरम, द्रमुक सांसद डा. थामिजाची थंगापांडियन और केरल कांग्रेस सांसद शशि थरूर को भी टैग किया, जिन्होंने काली टिप्पणी विवाद के दौरान उनका समर्थन किया था।

केरल कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने तब मोइत्रा का समर्थन किया और कहा कि वह टीएमसी सांसद पर हमले को देखकर स्तब्ध हैं, जिसे हर हिंदू जानता है। मोइत्रा का ट्वीट भाजपा शासित कर्नाटक सरकार द्वारा दिसंबर से स्कूलों और कालेजों में भगवद गीता की शिक्षाओं को शामिल करने के फैसले के मद्देनजर आया है, जिस पर बहस छिड़ गई है।

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कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने सोमवार को विधानसभा में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि गीता कुरान की तरह एक धार्मिक किताब नहीं थी और पवित्र हिंदू धर्मग्रंथों की शिक्षाएं ‘नैतिक शिक्षा’ पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास वर्तमान पाठ्यक्रम के साथ छात्रों को ‘भगवद गीता’ पढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।


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