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    RG Kar Rape Murder Case: 'सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं', पीड़िता के माता पिता पहुंचे कोर्ट; कहा- जांच में किया गया समझौता

    कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु महिला डाक्टर के माता पिता ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पीड़िता के माता पिता का कहना है कि जांच में समझौता किया गया है। इसके अलावा उन्होंने सीबीआई की जांच पर अविश्वास जताया है और अदालत के हस्तक्षेप की मांग की।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Tue, 24 Dec 2024 11:29 PM (IST)
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    आरजी कर मामला: पीड़िता के माता पिता पहुंचे कोर्ट (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज और अस्पताल में गत नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु महिला डाक्टर के माता-पिता ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में कहा कि ट्रायल कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। जांच में समझौता किया गया है।

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    बता दें कि पीडि़ता के माता-पिता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने सीबीआई की जांच पर अविश्वास जताया है और इस मामले में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की है।

    मामले में हुई सुनवाई

    न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है और पीठ इस पर तभी सुनवाई कर सकती है, जब यह स्पष्ट हो जाए कि शीर्ष अदालत जांच की निगरानी कर रही है या नहीं। मामले पर अगली सुनवाई 15 जनवरी के आसपास हो सकती है।

     हाईकोर्ट पहुंचे पीड़िता के माता पिता

    हाई कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में डाक्टर के माता-पिता ने कहा है कि वे इस मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच से व्यथित और असंतुष्ट हैं। घटना की रात मौजूद लोगों को प्रासंगिक गवाहों की सूची में नहीं रखा गया है और न ही उनसे आज तक पूछताछ की गई है। पूरी जांच और परीक्षण के उद्देश्य से यह स्पष्ट है कि पूरा मुकदमा केवल एक व्यक्ति को फंसाने और निशाना बनाने के लिए चलाया जा रहा है, जिसका नाम संजय राय है और अन्य संदिग्धों को बाहर रखा गया है।

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही यह स्पष्ट है कि संजय राय ही एकमात्र व्यक्ति नहीं हो सकता जिसने अपराध को अंजाम दिया है। जब तक आगे की जांच का निर्देश नहीं दिया जाता है, तब तक मामले को तार्किक निष्कर्ष पर नहीं लाया जा सकता है और जांच के तरीके के कारण अन्य संदिग्धों को छुआ नहीं जा सकेगा। एक बार मुकदमा समाप्त हो जाने के बाद याचिकाकर्ता के पास कोई उपाय नहीं रह जाएगा क्योंकि न्याय से समझौता हो जाएगा। इस वारदात में मुख्य आरोपित सिविक वालंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया गया है।

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