RG Kar Case: क्या पीड़िता के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म? कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब
आरजी कर मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने जांच की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा है। हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी से जवाब मांगा है कि यह वारदात सामूहिक दुष्कर्म थी या नहीं। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष इस मामले में मृतका के माता-पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। अदालत ने सीबीआई से अगली सुनवाई में कुछ अहम सवालों के जवाब देने को कहा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक जूनियर डाक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में जांच की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा है।
हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी से जवाब मांगा है कि यह वारदात सामूहिक दुष्कर्म थी या नहीं। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष इस मामले में मृतका के माता-पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें उन्होंने नए सिरे से जांच की मांग की है।
अगली सुनवाई में सीबीआई दाखिल करेगी जवाब
अदालत ने सीबीआई से अगली सुनवाई में कुछ अहम सवालों के जवाब देने को कहा है। न्यायाधीश ने सवाल किया कि यह किसी एक आरोपित द्वारा किया गया अपराध था या सामूहिक दुष्कर्म का मामला? क्या सीबीआई ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 70 लागू करने पर विचार किया, विशेष रूप से तब जब कई संदिग्ध शामिल हो सकते हैं?
पहले दाखिल हो चुकी है चार्जशीट
सीबीआई इस मामले में पहले ही एक चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन अदालत ने आगे की जांच और दूसरी चार्जशीट की स्थिति पर जानकारी मांगी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह केवल केस डायरी की समीक्षा करेगी, न कि कोई औपचारिक रिपोर्ट। इसके साथ ही अदालत ने सीबीआई से पूछा है कि क्या मामले में सामूहिक दुष्कर्म या सुबूत मिटाने की संभावना के कोण पर भी जांच की जा रही है।
परिजन कर रहे अदालत के निगरानी की मांग
वहीं, मृतका के परिजन और मामले में याचिकाकर्ता ने इस दौरान अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करते समय सीबीआई ने कहा था कि अपराध में बड़ी साजिश शामिल थी। ऐसे में उन्होंने मामले की आगे की जांच के लिए अर्जी की। जिस पर न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं की अर्जियों पर जांच के वर्तमान चरण और सीबीआई द्वारा पेश की जाने वाली केस डायरी को देखने के बाद विचार किया जाएगा। उन्होंने सीबीआई को अगली सुनवाई की तारीख 28 मार्च को केस डायरी पेश करने का भी निर्देश दिया।
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने अगस्त 2024 में इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी। इस मामले में मुख्य आरोपित संजय राय, जो कि कोलकाता पुलिस का तत्कालीन सिविक वालेंटियर था, को घटना के एक दिन बाद 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था। इस साल जनवरी में एक विशेष अदालत ने इस घटना में उसे दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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