पार्थ चटर्जी ने निजी ला व फार्मेसी कालेजों से मंजूरी के बदले वसूले रुपये, हाई कोर्ट में नए कारनामे का खुलासा
गाल में सामान्य शिक्षा से लेकर कानून और यहां तक कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कालेजों को अनुमोदन में भी भ्रष्टाचार हुआ। शिक्षकों की भर्ती से लेकर निजी ला कालेजों को अनुमति देने के लिए ही सिर्फ मोटी रकम नहीं वसूली गई

कोलकाता, राज्य ब्यूरो : बंगाल में सामान्य शिक्षा से लेकर कानून और यहां तक कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कालेजों को अनुमोदन में भी भ्रष्टाचार हुआ। शिक्षकों की भर्ती से लेकर निजी ला कालेजों को अनुमति देने के लिए ही सिर्फ मोटी रकम नहीं वसूली गई, बल्कि फार्मेसी कालेजों को भी मंजूरी के बदले रुपये वसूले गए। ईडी ने बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के इस नए कारनामे की जानकारी दी है।
अर्पिता मुखर्जी को बुधवार को वर्चुअली कोर्ट में पेश किया गया
जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी को बुधवार को वर्चुअली कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि पार्थ ने पैसे के बदले प्राइवेट ला और फार्मेसी कालेजों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दी थी। ईडी का दावा है कि एनओसी देने के एवज में मोटी रकम वसूली गई। इसके अलावा तृणमूल विधायक व शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य और पार्थ चटर्जी के साथ जुड़ाव बहुत स्पष्ट है। पिछले 14 दिनों की जांच में कई अहम तथ्य सामने आए हैं।
अर्पिता मुखर्जी को बुधवार को वर्चुअली कोर्ट में पेश किया गया
ईडी की तरफ से साफ कहा जा रहा है कि यदि लूटपाट होती है तो अपराधियों को पकडने में आसानी होती है। लेकिन किसी भी मामले में अगर कोई लूट का पैसा लेकर फरार हो जाता है या देश छोडकर चला जाता है, तो जांच में समय लगता है। शिक्षकों की भर्ती में बड़ी रकम का लेन-देन हुआ है। इसलिए इसे पकडऩा बहुत आसान नहीं है। सवाल यह भी उठा कि ऐसा कौन सा सबूत है जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि पार्र्थ ने ला और फार्मेसी कालेजों से मोटी रकम लेकर मंजूरी दी है? इस पर ईडी ने जज को एक दस्तावेज सौंपा और अनुरोध किया कि इस मामले को गोपनीय रखा जाए, क्योंकि अगर वह जानकारी सार्वजनिक हो गई तो जांच प्रभावित होगी।
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