पुलिस अधिकारियों को 'प्रोटेक्शन मनी' के तौर पर दिए गए थे 43 करोड़ रुपये, ED ने अपनी चार्जशीट में किया दावा
कोयला तस्करी कांड की जांच कर रही ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि पुलिस अधिकारियों को इस काले धंधे में सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रोटेक्शन मनी के तौर पर 43 करोड़ से अधिक रुपये दिए गए थे। बता दें ईडी इन पुलिस अधिकारियों से दिल्ली में पूछताछ कर चुकी है। ईसीएल के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोयला तस्करी कांड की जांच कर रही ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि बंगाल के तीन जिलों के पुलिस अधिकारियों को इस काले धंधे में सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रोटेक्शन मनी के तौर पर 43 करोड़ से अधिक रुपये दिए गए थे। ये रुपये कोयला तस्करी कांड में मुख्य आरोपित अनूप माजी उर्फ लाला ने 2017 से 2020 के दौरान अपने कार चालक के जरिए भिजवाए थे। रुपये के अलावा इन पुलिस अधिकारियों को महंगी विदेशी कारें भी भेंट की गई थीं।
ईसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत भी आई सामने
ईडी इन पुलिस अधिकारियों से दिल्ली में पूछताछ कर चुकी है। लाला के कार चालक का भी बयान दर्ज किया जा चुका है। जिस कार से रुपये भेजे जाते थे, उसे भी चिन्हित कर लिया गया है। लाला के कोलकाता व पुरुलिया स्थित ठिकानों पर छापामारी में ईडी के हाथ लगे कागजातों में ये तथ्य सामने आए हैं।
पता चला है कि 2017 से 2020 के दौरान इन पुलिस अधिकारियों की शह पर आसनसोल, दुर्गापुर, पुरुलिया, वीरभूम व बांकुड़ा में धड़ल्ले से कोयले की तस्करी हुई है। इसमें कई प्रभावशाली राजनेताओं व ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।
इस मामले में ईसीएल के कुछ पूर्व व वर्तमान अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि अब तक 10-12 पुलिस अधिकारियों को दिल्ली बुलाकर पूछताछ की जा चुकी है। उनकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है।

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