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यूक्रेन में फंसे लोगों की मदद के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने बनाया कंट्रोल रूम

बंगाल सरकार ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे राज्य के विद्यार्थियों और लोगों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यह कंट्रोल रूम सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा। नियंत्रण कक्ष का नेतृत्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 25 Feb 2022 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 25 Feb 2022 07:19 PM (IST)
सुबह नौ से रात नौ बजे तक खुला रहेगा कंट्रोल रूम। सीएम ममता बनर्जी की तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे राज्य के विद्यार्थियों और लोगों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। राज्य के सूचना व संस्कृति मामले विभाग की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि यह कंट्रोल रूम सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा। नोटिस में कहा गया है, यूक्रेन में फंसे हुए पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों और लोगों की मदद के लिए यह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका नेतृत्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और राज्य लोक सेवा अधिकारी इसका कामकाज देखेंगे।

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इस नंबर पर करें संपर्क

नोटिस के अनुसार, वहां फंसे लोगों के परिवार अधिकारियों से 2214-3526 और 1070 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों की कुल संख्या का आकलन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रूस ने गुरुवार तड़के यूक्रेन पर तीन तरफ से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस दौरान मिसाइलें भी दागीं। रूसी हमले का शुरुआती निशाना यूक्रेन के सैन्य ठिकाने बने। चंद घंटों में ही यूक्रेन के 74 सैन्य ठिकानों और 11 एयरबेस को रूसी हवाई हमलों ने ध्वस्त कर दिया। इस दौरान राजधानी कीव पर मिसाइलों के हमले हुए और सीमावर्ती शहरों में लड़ाकू विमानों के हमले किए गए। शुक्रवार को भी हमले जारी रहे। हमले के बाद शहरों और गांवों से बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया है। राजधानी कीव और अन्य शहरों से लोग पश्चिमी यूक्रेन की ओर जाते देखे गए।

दहशत का है माहौल

यूएन का अनुमान है कि एक लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में चले गए हैं। पूरे यूक्रेन में दहशत का माहौल है। वहीं, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां अध्ययनरत भारतीय छात्र-छात्राओं और कारपोरेट सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों को निकालना भारत सरकार के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती है और प्राथमिकता भी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बैठक कर स्वयं अपने कैबिनेट सहयोगियों को निर्देश दिया कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सकुशल स्वदेश लाना पहली प्राथमिकता हो। रूस के हमले की वजह से राजधानी कीव के हवाई अड्डे का संचालन ठप हो चुका है, इसकी वजह से विशेष विमान भेजकर भारतीय विद्यार्थियों को निकालने की योजना प्रभावित हुई है।

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यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत वहॉं फंसे उत्तर प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश सरकार पूरी तरह संकल्पित है। जिनके पारिवारिक सदस्य वर्तमान में यूक्रेन में फंसे हैं, उनसे निवेदन है कि कृपया राज्य कंट्रोल रूम के 24x7 टोल फ़्री नंबर (0522) 1070 या मोबाईल 9454441081 पर जानकारी साझा करें अथवा rahat@nic.in पर ईमेल करें।

View attached media content - D.S. Mishra, Chief Secretary, GoUP (@ChiefSecyUP) 25 Feb 2022


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