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    Lok Sabha: बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस को दी गई समय सीमा समाप्त, CM ममता तय करेंगी आगे का रूख

    Updated: Sun, 31 Dec 2023 06:08 PM (IST)

    बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha 2024) के लिए बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस को जो समय सीमा दी थी वह आज खत्म हो रही है।ममता चाह रही थीं कि 2023 खत्म होने से पहले ही सीटों को लेकर समझौता हो जाए ताकि नए साल की शुरुआत से ही जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटा जा सके।

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    बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस को दी गई समय सीमा समाप्त (Image: ANI)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस को जो समय सीमा दी थी, वह आज खत्म हो रही है। नए साल के पहले दिन ममता इसपर आगे का रूख तय कर सकती हैं।

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    एक जनवरी ममता की पार्टी तृणमूल का स्थापना दिवस भी है। अब देखना यह है कि स्थापना दिवस पर ममता पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं व समर्थकों को क्या संदेश देती हैं। ममता चाह रही थीं कि 2023 खत्म होने से पहले ही सीटों को लेकर समझौता हो जाए ताकि नए साल की शुरुआत से ही जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटा जा सके।

    सीटों के बंटवारे की रूपरेखा जल्द होगी तय

    विरोधी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए की बैठकों में भी उन्होंने इस बात को प्रमुखता से उठाया लेकिन कांग्रेस व माकपा के कड़े विरोध के कारण यह संभव नहीं हो पाया। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सीटों के बंटवारे की रूपरेखा जल्द तय कर ली जाएगी। इसपर अगले सप्ताह तक फैसला हो सकता है।

    मालूम हो कि ममता ने कांग्रेस के समक्ष बंगाल की मात्र दो सीटों बहरमपुर व मालदा दक्षिण की पेशकश की थी। तृणमूल का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव व 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के आधार पर ये दो सीटें उसे देने का निर्णय लिया गया है।

    पार्टी जो लेगी फैसला, उसी का होगा पालन 

    कांग्रेस इसपर राजी नहीं है बल्कि अधीर तो तृणमूल के साथ किसी तरह के समझौते के पक्ष में ही नहीं हैं। वे पार्टी हाईकमान को इससे अवगत भी करा चुके हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अंत में जो निर्णय लेगा, वे उसका अनुपालन करेंगे। वहीं माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी भी साफ तौर पर कह चुके हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर विरोधी दलों का गठबंधन होने पर भी बंगाल में भाजपा व तृणमूल के विरुद्ध उनकी पार्टी की लड़ाई पहले की तरह जारी रहेगी।

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