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    बांग्लादेश की बड़ी साजिश का खुलासा, फर्जी भारतीय पासपोर्ट के सहारे विदेश जा रहे घुसपैठिए; अब जांच की गई तेज

    Updated: Sat, 11 Jan 2025 07:17 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। बांग्लादेश से घुसपैठिए पश्चिम बंगाल में दाखिल होते हैं। वे सबसे पहले राशन कार्ड बनवाते हैं। इसकी मदद से अन्य पहचान पत्र तैयार किए जाते हैं। एक बार पहचान पत्र बनने के बाद बांग्लादेशी नागरिक खुद को भारतीय के तौर पर पेश करके पासपोर्ट भी हासिल करते हैं। पासपोर्ट मिलने के बाद वह विदेश निकल लेते हैं।

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    फर्जी पासपोर्ट मामले की जांच शुरू। ( सांकेतिक फोटो )

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनाने के रैकेट के खुलासे के बाद कोलकाता पुलिस ने अब राज्य में स्थाई पते वाले उन अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की मौजूदा स्थिति का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, जिन पर फर्जी भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश में काम करने का संदेह है।

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    सूत्रों के अनुसार, कोलकाता पुलिस ने इस संबंध में तीन यूरोपीय देशों सहित कई देशों के दूतावासों और उच्चायोगों को आधिकारिक संदेश भेजे हैं, जहां कथित तौर पर ये फर्जी पासपोर्ट धारक कार्यरत हैं।

    क्यों की जा रही जांच?

    जांच का उद्देश्य उनके मौजूदा ठिकाने और कानूनी स्थिति का पता लगाना है। जांच से पता चलता है कि बंगाल मूल का दावा करने वाले इनमें से कई व्यक्ति अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। उन्होंने कथित तौर पर अवैध तरीके से भारत में प्रवेश किया और विदेश यात्रा करने के लिए पासपोर्ट सहित फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल किए।

    लुकआउट नोटिस भी जारी

    यही नहीं, इस घटना के सामने आने के बाद आगे फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने बंगाल के पते से जुड़े फर्जी पासपोर्ट रखने के संदिग्ध पहचाने गए व्यक्तियों के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किए हैं। दरअसल, बंगाल पुलिस ने हाल में मुख्य रूप से उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नदिया जिलों में संचालित संगठित फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया है। ये जिले बांग्लादेश की सीमा के साथ लगते हैं।

    ऐसे भारत में दाखिल होते हैं घुसपैठिए

    अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने पर घुसपैठिए स्थानीय एजेंटों से जुड़ते हैं और जाली भारतीय पहचान पत्र हासिल करने के लिए बड़ी रकम का भुगतान करते हैं। शुरुआत में, उन्हें सीमावर्ती गांवों में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जाता है।

    फर्जी पासपोर्ट से भागते हैं विदेश

    पहले चरण में जाली राशन कार्ड प्राप्त करना किया जाता है। इसकी मदद से मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड को बनवाया जाता है। इन दस्तावेजों का उपयोग फिर जाली भारतीय पासपोर्ट हासिल करने में किया जाता है।

    इसी फर्जी भारतीय पासपोर्ट के माध्यम से बांग्लादेश नागरिक विदेशों में शरण लेते हैं। फर्जी पासपोर्ट रैकेट में शामिल कई लोगों को पुलिस ने हाल में बंगाल के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया है। रैकेट के खुलासे के बाद कोलकाता व बंगाल पुलिस ने पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया को भी सख्त करने का निर्देश दिया है।

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