Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फ्लैट धोखाधड़ी मामले में TMC सांसद नुसरत जहां की बढ़ी मुश्किलें, अदालत ने पेश होने का दिया आदेश

    Updated: Tue, 16 Jan 2024 07:03 PM (IST)

    अभिनेत्री से तृणमूल कांग्रेस की सांसद बनीं नुसरत जहां की मुश्किलें बढ़ रही हैं। कोलकाता की एक अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि नुसरत जहां को एक रियल स्टेट कंपनी के निदेशक के रूप में अपने जुड़ाव से संबंधित मामले में अदालत में पेश होना होगा जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये की ठगी की गई थी।

    Hero Image
    अभिनेत्री से तृणमूल कांग्रेस की सांसद बनीं नुसरत जहां। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अभिनेत्री से तृणमूल कांग्रेस की सांसद बनीं नुसरत जहां की मुश्किलें बढ़ रही हैं। कोलकाता की एक अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि नुसरत जहां को एक रियल स्टेट कंपनी के निदेशक के रूप में अपने जुड़ाव से संबंधित मामले में अदालत में पेश होना होगा, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये की ठगी की गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट ने पेश होने का दिया आदेश

    पिछले साल सितंबर में एक अदालत ने इस मामले में नुसरत जहां को पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, उन्होंने इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने मंगलवार को आदेश को बरकरार रखा।

    यह भी पढ़ेंः Bengal: पत्नी से लड़ाई बनी मौत की वजह, पति ने पहले बेटे और बेटी को दिया जहर, फिर खुद लगा ली फांसी

    क्या है पूरा मामला?

    बता दें कि नुसरत जहां पहले रियल स्टेट कंपनी सेवेन सेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक थीं। पिछले साल सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धोखाधड़ी मामले में नुसरत जहां से पूछताछ की थी। आरोप है कि फर्म ने वरिष्ठ नागरिकों को आकर्षक दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके उनसे कई करोड़ रुपये इकट्ठा किए।

    नुसरत जहां ने आरोपों से किया था इनकार

    शिकायत के अनुसार, उन्हें फ्लैट उपलब्ध कराने के बजाय उनके पैसे का इस्तेमाल नुसरत जहां सहित निदेशकों द्वारा निजी आवासीय आवास खरीदने के लिए किया गया था। हालांकि, नुसरत जहां ने आरोपों से इनकार किया था और दावा किया था कि उन्होंने उक्त रियल स्टेट कंपनी से लगभग 1.16 करोड़ रुपये का लोन लिया था और ब्याज सहित 1.40 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन चुका दिया था।

    इधर, उन्होंने मीडिया के उन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया, जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने हाउसिंग लोन देने वाले किसी बैंक या रजिस्टर्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट के बजाय एक रियल स्टेट से लोकल फर्म से लोन क्यों लिया।

    यह भी पढ़ेंः Bengal: केंद्र ने मांगा बंगाल के IAS अधिकारियों की संपत्ति का हिसाब, 31 जनवरी तक देनी होगी जानकारी