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    Bengal: केंद्र ने मांगा बंगाल के IAS अधिकारियों की संपत्ति का हिसाब, 31 जनवरी तक देनी होगी जानकारी

    Updated: Tue, 16 Jan 2024 05:52 PM (IST)

    बंगाल सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग के सतर्कता सेल द्वारा पांच जनवरी को एक निर्देश जारी किया गया था जिसमें राज्य के सभी अधिकारियों को 31 जनवरी तक केंद्र सरकार के पोर्टल पर चल और अचल संपत्ति के सभी खाते जमा करने के लिए कहा गया है। केंद्र सरकार के एक सूत्र का कहना है कि इस साल लोकसभा चुनाव के कारण केंद्र सरकार काफी सतर्क है।

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    31 जनवरी तक आईएएस अधिकारियों को देनी होगी चल और अचल संपत्ति की जानकारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर नरेन्द्र मोदी सरकार ने बंगाल सरकार के अधीन कार्यरत आईएएस अधिकारियों को अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा जमा करने का निर्देश दिया है। पिछले साल 18 दिसंबर को केंद्र सरकार के प्रशिक्षण एवं कार्मिक विभाग मंत्रालय की ओर से अपर सचिव दीप्ति उमाशंकर ने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को पत्र भेजा था। पत्र में कहा गया है कि राज्य में कार्यरत सभी आईएएस अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी दें।

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    संपत्ति की जानकारी देने की समय सीमा तय

    केंद्र ने इन संपत्तियों की जानकारी देने के लिए एक विशेष समय सीमा भी तय की है। उस पत्र में 31 जनवरी तक संपत्ति का हिसाब-किताब जमा करने को कहा गया है। केंद्र से पत्र मिलने के बाद राज्य सचिवालय नवान्न में गतिविधि शुरू हो गई थी, लेकिन हरिकृष्ण 31 दिसंबर को मुख्य सचिव पद से रिटायर हो चुके हैं। उनके स्थान पर बीपी गोपालिक ने मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला है।

    31 जनवरी तक देनी होगी जानकारी

    बंगाल सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग के सतर्कता सेल द्वारा पांच जनवरी को एक निर्देश जारी किया गया था, जिसमें राज्य के सभी अधिकारियों को 31 जनवरी तक केंद्र सरकार के पोर्टल पर चल और अचल संपत्ति के सभी खाते जमा करने के लिए कहा गया है। नवान्न सूत्रों के मुताबिक, यह निर्देश मिलने के बाद राज्य के समस्त आईएएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है।

    राज्य प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक, हर साल एक निश्चित समय पर राज्य के आईएएस अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकारों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी होती है। उस नियम के मुताबिक वे इस साल भी अपनी संपत्ति का हिसाब देंगे। प्रशासनिक स्तर पर भी यह एक परंपरा है। इसलिए इस गाइडलाइन में कोई नई बात नहीं दिखनी चाहिए।

    लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार हुई अलर्ट

    हालांकि, केंद्र सरकार के एक सूत्र का कहना है कि इस साल लोकसभा चुनाव के कारण केंद्र सरकार काफी सतर्क है। इसलिए वोट की घोषणा से पहले राज्य प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के बारे में सारी जानकारी रखना चाहता है, ताकि चुनाव में सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में चुनाव आयोग को सही जानकारी दी जा सके। क्योंकि चुनाव आयोग राज्य में काम करने वाले अधिकारियों के साथ मिलकर काम करता है।

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    आईएएस अधिकारियों की तरह राज्य में कार्यरत आईपीएस पुलिस अधिकारियों को भी अमित शाह के गृह मंत्रालय ने अपनी संपत्ति घोषित करने का निर्देश दिया है। उन्हें अपना सारा हिसाब-किताब भी जनवरी के आखिरी दिन तक गृह मंत्रालय द्वारा तय पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

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