Cattle Smuggling Case: अनुब्रत मंडल की बेटी को फिर ED का समन, दो नवंबर को किया तलब
Cattle Smuggling Case-ईडी (ED) ने सुकन्या के अलावा अनुब्रत के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) मनीष कोठारी को भी समन भेजकर उसी दिन दिल्ली स्थित मुख्यालय में तलब किया है। ईडी (ED) ने कोठारी को इस घोटाले से संबंधित आय-व्यय के दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal News: बंगाल में मवेशी तस्करी मामले (Cattle Smuggling Case) में जेल हिरासत में बंद तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल गुरुवार को नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्यालय में करोड़ों रुपये के इस घोटाले में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुईं थीं। इसके अगले दिन ईडी (ED) ने शुक्रवार को सुकन्या को फिर से समन भेजकर दो नवंबर को दिल्ली में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
इसी के साथ ईडी (ED) ने सुकन्या के अलावा अनुब्रत के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) मनीष कोठारी को भी समन भेजकर उसी दिन दिल्ली स्थित मुख्यालय में उन्हें भी तलब किया है। सूत्रों के अनुसार, ईडी (ED) ने कोठारी को इस घोटाले से संबंधित आय-व्यय के दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। बता दें कि इससे पहले सीबीआइ इस मामले में अनुब्रत की बेटी और सीए से पूछताछ कर चुकी है।
वहीं, सुकन्या (Sukanya) ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए गुरुवार को ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुई थी और उन्होंने पूछताछ के लिए कुछ और समय मांगा। ईडी (ED) के सूत्रों ने कहा कि सुकन्या मंडल से उन कंपनियों के बारे में पूछताछ की जानी थी, जिनमें वह निदेशक व साझेदार हैं।
पहले से जांच के दायरे में सुकन्या की कंपनी
सुकन्या की कंपनी एएनएम एग्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड और नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड पहले से ही ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के जांच के दायरे में हैं, जो मवेशी तस्करी घोटाले की समानांतर जांच भी कर रही हैं। दोनों फर्मों में सुकन्या मंडल दो निदेशकों में से एक हैं।
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि दोनों कंपनियां मूल रूप से मुखौटा कंपनियां हैं। हाल ही में सीबीआइ ने आसनसोल कोर्ट में एक चार्जशीट पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि सुकन्या मंडल की वार्षिक आय 2013-14 के 3.10 लाख रुपये से बढ़कर 2020-21 में 1.45 करोड़ रुपये हो गई।
कम कीमतों पर खरीदीं संपतियां
इसके अलावा उनके पास तीन करोड़ रुपये की सावधि जमा (एफडी) भी है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि उनके अधिकारी सुकन्या मंडल से उन संपत्तियों के बारे में पूछताछ करना चाहते हैं जो उनके नाम पर पंजीकृत थीं और मौजूदा बाजार दरों की तुलना में बहुत कम कीमतों पर खरीदी गई थीं, जिन्हें बाद में बहुत अधिक कीमतों पर बेचा जाना था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।