Bengal में विधायकों का 40,000 रुपये प्रति माह बढ़ेगा वेतन, ध्वनिमत से विधेयक पारित; सदन में नहीं था भाजपा का कोई सदस्य
बंगाल विधानसभा ने बुधवार को विधायकों का वेतन 40000 रुपये प्रति माह बढ़ाने संबंधी विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी। विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने उचित तरीके से वेतन बढ़ाया है और अगर मुझे अवसर मिला तो मैं इसे फिर से बढ़ाऊंगी। दरअसल मुख्यमंत्री ने पिछले मानसून सत्र में वेतन वृद्धि की घोषणा की थी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा ने बुधवार को विधायकों का वेतन 40,000 रुपये प्रति माह बढ़ाने संबंधी विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी। विधानसभा में जब सदस्य पारिश्रमिक (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित किया जा रहा था तब मुख्य विपक्षी भाजपा के कोई सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। सभी भाजपा विधायक कोलकाता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में मौजूद थे।
CM ममता ने क्या कुछ कहा?
चर्चा के बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने उचित तरीके से वेतन बढ़ाया है और अगर मुझे अवसर मिला तो मैं इसे फिर से बढ़ाऊंगी। ममता ने फिर दोहराया कि बंगाल के विधायकों का वेतन देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है, इसलिए इसमें वृद्धि का निर्णय उनकी सरकार ने किया। दरअसल, मुख्यमंत्री ने पिछले मानसून सत्र में सात सितंबर को ही विधायकों व मंत्रियों के वेतन में एक साथ 40-40 हजार रुपये की वृद्धि की घोषणा की थी।
ममता ने कहा कि पहले विधायकों को 10,000, राज्य मंत्रियों को 10,900 रुपये और प्रभारी मंत्रियों को 11,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलते थे, लेकिन अब उन्हें क्रमश: 50,000 रुपये, 50,900 रुपये और 51,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इसके अलावा अन्य भत्ते पहले की तरह मिलते रहेंगे।
'कई विधायकों की माली हालत ठीक नहीं'
वहीं, भाजपा ने विधायकों का वेतन बढ़ाने के फैसले की आलोचना की और कहा कि पहले डीए के लिए जो सरकारी कर्मी यहां महीनों से आंदोलन कर रहे हैं उन्हें उनका हक दिया जाए। ममता ने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का नाम लिए बिना कहा कि जिनके पास बहुत पैसा है वे शोर मचा रहे हैं, हंगामा कर रहे हैं। ऐसे कई विधायक हैं जिनके पास करोड़ों की संपत्ति है और उन्हें इससे अधिक की जरूरत नहीं है, लेकिन बड़ी संख्या में कई अन्य विधायक हैं जिनकी माली हालत ठीक नहीं है। इसलिए वेतन वृद्धि जरूरी है।
भाजपा पर बरसीं ममता बनर्जी
ममता ने कहा कि हमारे पास पंचायत सदस्य हैं, जो 100 दिन की योजना (मनरेगा) के लिए काम करते हैं। केंद्र ने मनरेगा व अन्य योजनाओं में बंगाल के गरीबों का पैसा रोक रखा है। क्या आपका दिल उनके लिए नहीं दुखी होता? भाजपा पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवा कपड़े पहनने से कोई संत नहीं हो जाता।
सात सितंबर को ममता ने की थी वेतन वृद्धि की घोषणा
बता दें कि ममता द्वारा मानसून सत्र के अंतिम दिन सात सितंबर को विधानसभा में वेतन वृद्धि की घोषणा के बाद इसे लागू करने के लिए विधेयक पारित कराना जरूरी था। इससे पहले दुर्गा पूजा के दौरान इस विधेयक को पारित कराने के लिए राज्य सरकार ने विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन राज्यपाल की अनुमति नहीं मिलने के कारण इस पर चर्चा नहीं हो पाई थी। हालांकि, अगले ही दिन राज्यपाल ने इसकी अनुमति दे दी थी।
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