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    West Bengal: काली पूजा और दिवाली के बाद जहरीली हुई कोलकाता की हवा, 'खराब' श्रेणी में पहुंचा AQI

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Mon, 13 Nov 2023 10:36 AM (IST)

    दिवाली के एक दिन बाद कोलकाता में वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक विक्टोरिया मेमोरियल में वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 और कोलकाता के फोर्ट विलियम में 262 रहा। काली पूजा और दिवाली के एक दिन बाद सोमवार की सुबह हवा की गुणवत्ता बेहदखराब की श्रेणी में रही और हर जगह धुंध छाई रही। पर्यावरणविद् नबा दत्ता ने खराब वायु गुणवत्ता को लेकर चेतावनी दी है।

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    काली पूजा और दिवाली के बाद जहरीली हुई कोलकाता की हवा (Image; jargan Graphic)

    पीटीआई, कोलकाता। West Bengal Pollution: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और उसके आसपास की हवा जहरीली हो गई है। काली पूजा और दिवाली के एक दिन बाद सोमवार की सुबह हवा की गुणवत्ता 'खराब' की श्रेणी में रही और हर जगह धुंध छाई रही। अधिकारियों ने बताया कि ऐसी स्थिति केवल रविवार को पटाखे फोड़ने से ही नहीं, बल्कि साल के इस समय के दौरान मौसम की स्थिति के बिगड़ने से भी बनी है।

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    क्या रही एयर क्वालिटी?

    समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, विक्टोरिया मेमोरियल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 284 और कोलकाता के फोर्ट विलियम में 262 रहा। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (WBPCB) के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार सुबह पड़ोसी हावड़ा जिले के घुसुरी में AQI 310 था। अधिकारियों ने कहा कि, 0 और 50 के बीच एक AQI को 'अच्छा' माना जाता है, 51 और 100 'संतोषजनक', 101 और 200 'मध्यम',201 और 300 'खराब',301 और 400 'बहुत खराब'और 401 और 500 'गंभीर'माना जाता है।

    अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो...

    डब्ल्यूबीपीसीबी के मुख्यालय परिवेश भवन में नियंत्रण कक्ष रविवार को देर रात तक काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि शहर और आस-पास के इलाकों में विभिन्न हॉटस्पॉट पर ड्रोन निगरानी और मोबाइल टीमें भी काम कर रही हैं।

    पर्यावरणविद् नबा दत्ता ने कहा कि रविवार को सूर्यास्त के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ गया, क्योंकि शहर के विभिन्न हिस्सों में दिवाली के कारण जमकर आतिशबाजी हुई। उन्होंने आगाह किया कि अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो इससे श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा होंगी। एक अन्य हरित कार्यकर्ता सोमेंद्र मोहन घोष ने कहा, हम प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए शाम को पौधों पर पानी छिड़कने की सलाह दे रहे हैं।

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