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    West Bengal: बकाया भुगतान कर बंगाल के साथ मनरेगा विवाद जल्द सुलझा सकता है केंद्र, तृणमूल ने राजभवन के बाहर दिया था धरना

    By Jagran NewsEdited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Wed, 01 Nov 2023 04:44 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने और अनियमितता के कारण मनरेगा 2005 की धारा 27 के प्रावधान के अनुसार बंगाल राज्य की राशि नौ मार्च 2022 से रोक दी गई। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल ने पिछले महीने की शुरुआत में इसको लेकर दिल्ली में भी दो दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। साथ ही यहां राजभवन के बाहर धरना दिया था।

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    मनरेगा बकाए के संबंध में केंद्र से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो पार्टी एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के हस्तक्षेप के बाद केंद्र सरकार के मनरेगा से जुड़े बकाए को लेकर राज्य के साथ जारी गतिरोध को जल्द हल करने की संभावना है। राजभवन के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

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    पिछले महीने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी नेताओं और मनरेगा के जाब कार्ड धारकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी और बकाए के भुगतान पर चल रहे विवाद को सुलझाने का आश्वासन के बाद राजभवन के समक्ष पांच दिनों से जारी धरना-प्रदर्शन समाप्त किया था। इसके अगले ही दिन 10 अक्टूबर को राज्यपाल ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर उन्हें मनरेगा बकाए पर बंगाल सरकार के दावों की जानकारी दी थी।

    उन्होंने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि बकाया राशि के जल्द ही जारी होने की संभावना है, लेकिन उन्होंने इसे लेकर कोई समयसीमा नहीं दी है। हालांकि, बकाए का भुगतान कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा, जैसा कि राज्य को आडिटेड रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा।

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    केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने और अनियमितता के कारण मनरेगा, 2005 की धारा 27 के प्रावधान के अनुसार बंगाल राज्य की राशि नौ मार्च, 2022 से रोक दी गई। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल ने पिछले महीने की शुरुआत में इसको लेकर दिल्ली में भी दो दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। साथ ही यहां राजभवन के बाहर धरना दिया था। तृणमूल महासचिव अभिषेक ने 19 अक्टूबर को कहा था कि अगर राज्य के मनरेगा बकाए के संबंध में केंद्र से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो पार्टी एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।

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