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    Uttarkashi Avalanche: एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, एक इंटरव्‍यू में बताए थे सपने

    By Jagran NewsEdited By: Sunil Negi
    Updated: Fri, 07 Oct 2022 09:45 PM (IST)

    Uttarkashi Avalanche एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल के शव का भागीरथी नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। विश्व की टाप टेन चोटियों का आरोहण करना सविता का सपना था। वह दो वर्ष में तीन चोटियों का आरोहण कर चुकी थीं।

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    दिवंगत एवरेस्टर सविता कंसवाल के शव का भागीरथी नदी के किनारे नम आंखों के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: Uttarkashi Avalanche: इसी वर्ष एवरेस्ट आरोहण करने वाली सविता कंसवाल ने नेशनल रिकार्ड बनाया था। तब सविता कंसवाल ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उसने दो वर्ष के अंतराल में विश्व की टाप टेन में शामिल तीन चोटियों का आरोहण किया है, आने वाले पांच वर्षों में वह अन्य सात चोटियों का भी आरोहण करेगी।

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    उत्‍तरकाशी एवलांच में हुई मौत

    इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सविता बेहद उत्साहित थी। लेकिन, नियति को यह सब मंजूर नहीं था। हिमस्खलन हादसे ने सविता को ही नहीं लीला, बल्कि उनके बुजुर्ग माता-पिता का सहारा भी छीन लिया।

    शुक्रवार को किया गया अंति संस्‍कार

    शुक्रवार को दिवंगत एवरेस्टर सविता कंसवाल के शव का भागीरथी नदी के किनारे नम आंखों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए इस दौरान जनसैलाब उमड़ पड़ा।

    सविता का बचपन कठिनाइयों में गुजरा

    जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 15 किमी दूर भटवाड़ी ब्लाक के लौंथरू गांव निवासी 24 वर्षीय सविता का बचपन कठिनाइयों में गुजरा। पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी ने खेती से आर्थिकी जुटाकर किसी तरह चार बेटियों का पालन-पोषण किया।

    चार बहनों में सबसे छोटी थीं सविता

    सविता चार बहनों में सबसे छोटी थीं। अन्य तीन बहनों की शादी हो चुकी है। किसी तरह पैसे जुटाकर सविता ने वर्ष 2013 में निम उत्तरकाशी से माउंटेनियरिंग में बेसिक कोर्स किया।

    एडवांस कोर्स की फीस के लिए नहीं थे पैसे

    एडवांस कोर्स की फीस के लिए पैसे न होने और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक उन्होंने देहरादून में नौकरी की। वहां से लौट सविता ने एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया।

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    12 मई को एवरेस्ट पर किया था आरोहण

    पर्वतारोहण के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उन्होंने बड़े-बड़े सपने देखे थे। सविता ने 12 मई को माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) पर सफल आरोहण किया और इसके 16 दिन के अंतराल में 28 मई को माउंट मकालू पर्वत (8463 मीटर) पर सफल आरोहण कर नेशनल रिकार्ड बनाया था।

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    बेटी मिले तो सविता जैसी

    सविता के माता-पिता ने कई बार मीडिया से कहा कि सब को बेटी मिले तो सविता जैसी, जिसके कारण उन्होंने देश देखा है और सम्मान पाया है। यह अलग बात है कि इस होनहार पर्वतारोही की सरकारी सिस्टम ने घोर उपेक्षा की।

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