यहां पेयजल की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं ग्रामीण
पुरोला क्षेत्र के सरबडियार पट्टी के डिंगाडी गांव के 34 परिवार एक वर्ष से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। आपदा में क्षतिग्रस्त हुई यहां की पेयजल लाइन को जोड़ा नहीं जा सका।

पुरोला, उत्तरकाशी [जेएनएन]: पुरोला क्षेत्र के सुदूरवर्ती सरबडियार पट्टी के डिंगाडी गांव के 34 परिवार एक वर्ष से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। गांव के प्राकृतिक स्रोत में पानी कम होने से गांव की महिलाओं और बच्चों को बर्तनों को लेकर दिन भर इंतजार करना पड़ रहा है।
वर्ष 2010 में डिंगाडी गांव के 34 परिवारों के लिए झालुका-डिंगाडी पेयजल लाइन बना कर गांव में तीन स्टैंड पोस्ट लगाए गए। वर्ष 2015 के अगस्त माह में आपदा से लाइन क्षतिग्रस्त हो गई।
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तभी से ग्रामीणों को गांव के पास स्थित प्राकृतिक स्रोत के पानी के सहारे जीवन चलाना पड़ रहा है। अब इस प्राकृतिक स्रोत पर पानी कम हो गया है। हालात इस कदर है कि गांव की महिलाओं को बर्तनों को लेकर घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
गांव के प्रधान सोवेंद्र सिंह, ग्रामीण कैलाश सिंह का कहना है कि कई बार जल संस्थान के अधिकारियों से क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत की गुहार लगाई गई। अभी तक जल संस्थान ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
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उन्होंने बताया कि एक माह पहले भी क्षेत्र भ्रमण पर गए एसडीएम, तहसीलदार, जल संस्थान के अधिकारियों के सामने पेयजल व्यवस्था को सुचारु करने की मांग की थी। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं जल संस्थान के सहायक अभियंता एसएस रावत के मुताबिक डिंगाडी पेयजल लाइन एक वर्ष पहले आपदा से क्षतिग्रस्त हो गई थी। मरम्मत के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। आपदा मद में बजट न मिलने से लाइन नहीं बन पाई। बजट मिलते ही पेयजल लाइन की मरम्मत कर दी जाएगी।

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