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    Uttarakhand: मलबे से निकली मेहनत की पूंजी, 50 हजार खर्च कर खोदाई करने से दुकानदार को मिले दबे दो लाख रुपये

    By Ajay KumarEdited By: Sunil Negi
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:35 AM (IST)

    उत्तराखंड के धराली में आपदा के बाद, एक दुकानदार ने 50 हजार रुपये खर्च करके मलबे में दबे अपने दो लाख रुपये ढूंढ निकाले। अन्य पीड़ितों को भी जेवर और नकद ...और पढ़ें

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    धरानी में बलवेद्र सिंह पंवार की ओर से कराई गई खोदाई।

    अजय कुमार, जागरण उत्तरकाशी: धराली आपदा को भले ही चार महीने बीते चुके हैं, लेकिन प्रभावितों ने मलबे में दबी मेहनत की कमाई को पाने की आस नहीं छोड़ी है।

    यह उम्मीद इसलिए बलवती हुई है क्योंकि दुकानदार बलवेंद्र सिंह पंवार मलबे में दफन अपने दो लाख रुपये खोजने में सफल रहे हैं।

    उन्होंने स्वयं 50 हजार खर्च कर मलबे में खोदाई कर अपनी जमापूंजी पाने में सफलता हासिल की है। ऐसा करने वाले बलवेंद्र अकेले नहीं हैं, अन्य आपदा प्रभावितों ने भी अपने दम पर मलबे में खोजबीन कर जेवर और अन्य सामान को ढूंढ निकाला है।

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    पांच अगस्त को खीरगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के चलते धराली कस्बे में स्थित होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें व आवासीय भवन मलबे में दब गए थे। आपदा में 60 से अधिक लोग लापता हो गए थे।

    आपदा के चलते कई लोगों की नकदी, जेवर समेत अन्य कीमती सामान भी मलबे में दब गया। हालांकि शासन-प्रशासन के स्तर पर शुरू में खोदाई का कार्य चलाया गया लेकिन किसी के जीवित होने की उम्मीद ने देख इसे बंद कर दिया गया था।

    इसके बाद पीड़ित खुद अपने खून-पसीने की कमाई को पाने के प्रयास में जुट गए। दुकानदार बलवेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि उनकी परचून की दुकान और तिमंजिला होटल मलबे में दब गया था। होटल में फर्नीचर अब भी सुरक्षित है।

    मलबे में उनके तीन से चार लाख रुपये दब गए थे। दो लाख मिलने के बाद अब शेष धनराशि की खोजबीन के भी प्रयास किए जा रहे हैं।

    इन्हें भी मिली सफलता

    आपदा प्रभावित रजत पवार को जेवर, लक्ष्मी देवी को होमस्टे की खोदाई में जेवर, नकदी व बर्तन, उत्तम सिंह राणा को सिलिंडर व बर्तन, सतेंद्र पंवार को जेवर व नकदी मिली है। अन्य प्रभावितों को भी मलबे में दबी उनकी नकदी व अन्य कीमती सामान मिलने की उम्मीद जगी है।

    धराली आपदा के मलबे की खोदाई की मांग की गई थी, तब एनजीटी का हवाला देकर खोदाई नहीं कराई गई। मलबे की खोदाई होती है तो इससे दबे लापता लोगों के शव समेत प्रभावितों को उनकी नकदी, जेवर सहित अन्य कीमती सामान मिल सकता है।

    सचेंद्र सिंह पंवार, अध्यक्ष धराली आपदा संघर्ष समिति

    प्रभावितों की मांग पर पूर्व में भी मलबे की खोदाई में मदद की गई थी। यदि कोई प्रभावित खोदाई कार्य में मदद मांगता है तो प्रशासन की आरे से उसकी निश्चित रूप से मदद की जाएगी।

    -प्रशांत आर्य, जिलाधिकारी उत्तरकाशी

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